अद्भुत रस की परिभाषा, उदाहरण, स्थायी भाव सहित पूरी जानकारी

इस लेख के माध्यम से आप अद्भुत रस की परिभाषा, भेद, उदाहरण, स्थायी भाव, आलम्बन, उद्दीपन, अनुभाव तथा संचारी भाव सहित अध्ययन कर पाएंगे।

इस लेख के अध्ययन उपरांत आप रस विषय से भली-भांति अवगत होंगे। दो रसों के बीच क्या भिन्नता अथवा समानता है जान पाएंगे। विशेष रुप से अद्भुत रस के संदर्भ में आप सूक्ष्म से सूक्ष्म जानकारी हासिल कर अपने ज्ञान की वृद्धि करेंगे –

रस किसी भी साहित्य की प्राण तथा आत्मा होती है। साहित्य किसी भी उद्देश्य की पूर्ति के लिए लिखा जाए , किंतु रस सदैव विद्यमान रहता है। रस ग्यारह प्रकार के हैं , कुछ विद्वानों ने रस को नौ रूपों में ही स्वीकार किया है। रस के तेंतीस संचारी भाव है , आचार्यों के अनुसार विभाव , अनुभाव , संचारी भाव आदि के मिश्रण से रस की निष्पत्ति होती है।

अद्भुत रस की संपूर्ण जानकारी – Adbhut ras in Hindi

स्थायी भाव :- अद्भुत रस का स्थायी भाव विस्मय है।

परिभाषा :- विस्मय का साधारण रूप आश्चर्य से है। अर्थात किसी ऐसी चीज को देखकर जब आश्चर्य का भाव जागृत होता है वहां अद्भुत रस होता है।

उदाहरण के लिए समझे तो नट समूह के लोग कई ऐसे करतब करते हैं , जो सामान्य व्यक्ति के लिए दुष्कर होते हैं।

जैसे

  • रस्सियों पर दौड़ना ,
  • दोनों पैर आसमान की ओर करके हाथों के बल चलना या
  • तलवार अथवा डंडों से ऐसे करता प्रस्तुत करना जिसको देखते दर्शक दांतों तले अंगुली दबाने पर विवश हो जाता है।

यह विस्मय का स्थायी भाव अद्भुत रस में परिणत होता है। साहित्य में भी इस रस का प्रयोग कुछ इसी प्रकार किया जाता है। जिसको दर्शक पढ़ते अथवा सुनते समय विस्मय/आश्चर्यचकित होता है उसकी उत्सुकता बढ़ती जाती है। भारत के प्राचीन साहित्य में अद्भुत रस का विशेष विवरण पढ़ने को मिलता है।

रामायण , महाभारत जैसे ग्रंथों में भी अद्भुत रस की बहुलता है।

वर्तमान साहित्य में अद्भुत रस का स्थान कौतूहल  , जासूसी ,  जिज्ञासा ,  उत्सुकता आदि भावों ने ले लिया है। आज के साहित्य अधिकांशतः मनोरंजन के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लिखे जा रहे हैं। आचार्य भरतमुनि ने भी अद्भुत रस को स्वीकारा है और इसे आनंद देने वाला रस माना है। यह रस दर्शक तथा पाठकों में जिज्ञासा को बढ़ाता है उसके विस्मय भाव को जागृत कर आनंद का रसास्वादन कराता है। यह रस अन्य रसों की भांति ही उदात और हृदयस्पर्शी है , जो सात्विक रूप में वास करती है।

अद्भुत रस – आलम्बन, उद्दीपन, अनुभाव तथा संचारी भाव

स्थायी भाव :- अद्भुत रस का स्थायी भाव विस्मय है।

आलंबन :- विस्मयकारी घटनाएं , वस्तुओं , व्यक्तियों तथा उनके कार्य व्यापार।

उद्दीपन :- उनके अन्यान्य अद्भुत व्यापार या घटनाएं , अद्भुत परिस्थितियां।

अनुभाव :- आंखें बड़ी हो  जाना , एक टक देखना , ताली बजाना , स्तंभित होना , चकित रह जाना ,  प्रसन्न होना  , रोंगटे खड़े होना , आंसू निकलना , कंपन , स्वेद ,  साधुवाद वचन।

संचारी भाव :- उत्सुकता,  जिज्ञासा,  आवेग,  भ्रम,  जड़ता,  हर्ष,   मती,  स्मृति,  गर्व , धृति,  भय, आशंका, तर्क ,  चिंता आदि।

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अद्भुत रस के उदाहरण – Adbhut ras examples

 

लक्ष्मी थी या दुर्गा वह , स्वयं वीरता की अवतार

देख मराठे पुलकित होते ,उसकी तलवारों के वार। 

व्याख्या –

प्रस्तुत पंक्तियां वीरांगना लक्ष्मी बाई के शौर्य  पराक्रम से उत्पन्न विस्मय भाव को प्रदर्शित करता है। लक्ष्मी बाई ने स्वयं स्त्री होकर अपने राज्य की रक्षा के लिए अग्रणी भूमिका निभाई। उन्होंने युद्ध भूमि में अपने प्राण गवाया किंतु अंग्रेजों और आक्रमणकारियों के आगे अपने शस्त्र नहीं डालें। उनके इस उत्साह और पराक्रम ने अद्भुत चमत्कार प्रस्तुत किया। इस भाव को देखकर वह साक्षात लक्ष्मी या दुर्गा की अवतार प्रतीत होती है जिसे देखकर मराठे भी गर्व की अनुभूति करते हैं।

 

 

पद पाताल सीस अजयधामा , अपर लोक अंग-अंग विश्राम

भृकुटि बिलास भयंकर काला , नयन दिवाकर कच धन माला। ।

व्याख्या –

प्रस्तुत पंक्ति में लंका नरेश रावण की पत्नी मंदोदरी स्वप्न में राम के विराट रूप का दर्शन करती है।  जिसके पैर पाताल में और शीश  आकाश लोक में है।  उनके विशाल अंग अनेकों लोक में फैले हुए हैं।  उनकी आंखें बिल्कुल लाल ऐसे प्रतीत हो रही है जैसे उन्होंने मुंडो की माला धारण की हुई है।  राम के इस विशाल रूप का वर्णन रावण को सुना रही है और उनसे बैर मोल लेने को मना कर रही है।

 

 

आली मेरे मनस्ताप से पिघला वह इस वार 

रहा कराल कठोर काल सा हुआ सदय सुकुमार। ।

 

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महत्वपूर्ण प्रश्न – Important Questions about Adbhut Ras

 

प्रश्न – संचारी भाव किसे कहते हैं ?

उत्तर – स्थायी भाव को जागृत करने वाले तथा उसके साथ चलने वाले भावों को संचारी भाव कहते हैं। संचारी चर धातु से बना है जिसका अर्थ है चलना।

 

प्रश्न – संचारी भाव कितने प्रकार के हैं ?

उत्तर – 33 प्रकार के

 

प्रश्न – अद्भुत रस का स्थायी  भाव क्या है ?

उत्तर – विस्मय

 

प्रश्न – भरतमुनि ने आनंद देने वाला रस किस को बताया है ?

उत्तर – अद्भुत रस को

 

प्रश्न – रस कितने प्रकार के हैं ?

उत्तर – रस 9 प्रकार के हैं किंतु कुछ विद्वान  11 मानते हैं।

 

प्रश्न – रसराज किस रस को कहा गया है ?

उत्तर – श्रृंगार रस को।

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