अंडे के छिलके, मोहन राकेश एकांकी, कक्षा 11

अंडे के छिलके पाठ में आप मोहन राकेश का संक्षिप्त जीवन परिचय , पाठ का सार , व्याख्यात्मक प्रश्न तथा महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर का संकलन प्राप्त करेंगे। यह लेख परीक्षा की दृष्टि से तैयार किया गया है , जो विद्यार्थियों के लिए कारगर है।

मोहन राकेश का जीवन मध्यमवर्गीय था, उन्होंने इस वर्ग में तथा स्वयं के जीवन में इतने उतार-चढ़ाव और बदलाव देखे जो एक साधारण मनुष्य के लिए संभव नहीं था। उनका पारिवारिक स्थिति भी सदैव परिवर्तनशील रहा। आधे-अधूरे , आषाढ़ का एक दिन, तथा लहरों के राजहंस साहित्य का अध्ययन उनके जीवन का ही अध्ययन है। उनकी शादियां भी कभी लंबे समय तक नहीं टिक पाई उनके साहित्य के अध्ययन के उपरांत पता चलता है।

अंडे के छिलके

विधा – एकांकी

एकांकीकार – मोहन राकेश

एकांकी का उद्देश्य

  • आधुनिक समाज कि दिखावे की संस्कृति और समाज की विकृति को प्रस्तुत करना।
  • परंपरा और आधुनिकता के द्वंद्व को उभारना।
  • विद्यार्थियों को संदेश देना कि वह अपने जीवन में बनावटीपन को नहीं यथार्थ को महत्व दें।
  • परिवार में एकता एवं आत्मीयता को बनाए रखने के लिए सदस्यों द्वारा एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना।
  • धूम्रपान जैसी बुराइयों के प्रति जागरूक करना।

अंडे के छिलके पाठ का सार

मोहन राकेश ने इस एकांकी में एक संयुक्त परिवार की विभिन्न रुचियों को सूक्ष्मता से उभारा है। परिवार में अम्मा , माधव , राधा , वीना , गोपाल और श्याम कुल छः विभिन्न रुचियों के पात्र हैं। सभी पात्र एक दूसरे से छिपकर अपने शौक पूरे करते हैं , लेकिन एक-दूसरे की भावनाओं को समझते भी हैं।

वीना , गोपाल , राधा और श्याम , अम्मा से छिपकर अंडे खाते हैं। गोपाल सिगरेट पीता है यहां तक की अम्मा भी सब कुछ जानते हुए अनदेखी करती है। सभी पात्रों की परस्पर घनिष्ठता तथा आत्मीयता पूरे एकांकी में झलकती है। एकांकी की शुरुआत में पर्दा उठते ही गैलरी वाला दरवाजा खुला दिखाई देता है। श्याम सीटी बजाता आता है , बाहर वर्षा हो रही है। उसकी बरसाती से पानी टपक रहा है।

श्याम और बिना में बातें होती है। वीना श्याम की भाभी है , श्याम , वीना के कमरे में आते हुए कहता है कि उसने भाई का कमरा अब पराया सा लगता है। पहले इस कमरे में जूते को छोड़कर सभी चीजें चारपाई पर होती थी। आज कमरे का नक्शा बदल गया है।

वीना श्याम को चाय पीने को कहती है , श्याम इस सुहावने मौसम में चाय के साथ कुछ खाने के लिए ले आने को कहता है। वीना उससे चार-छह अंडे लाने को कहती है। जब श्याम अंडे के नाम पर नाक भौं सिकोड़ना है , तो वीना कहती है कि यहां तो रोज अंडे का नाश्ता होता है। वैसे श्याम भी छुपकर कच्चा अंडा खाता है , वीना उससे कहती है कि अगर कुछ खाना है तो इसमें छिपाने की क्या बात है ?

श्याम के बाहर जाते ही वीना काम करते हुए पानी लेने के लिए राधा के कमरे में जाती है।

उसे राधा के बिस्तर पर चंद्रकांता पुस्तक मिल जाती है।

पूछने पर राधा कहती है कि ऐसी किताब मां जी के सामने नहीं पढ़ सकते।

वीना चाय के लिए स्टोव पर केतली में पानी रखती है। बाहर से गोपाल आता है , चाय बनाती देख प्रसन्न हो जाता है। वीना उसे बताती है कि यह चाय श्याम के लिए है। गोपाल अपनी भाभी राधा की प्रशंसा करता है। गोपाल सिगरेट पीना चाहता है , पर वीना को बताता है कि वह भाभी के सामने पी लेता है।

उन्होंने यह बात किसी को नहीं बताई।

थोड़ी देर में श्याम अंडे लेकर लौट आता हे और उनकी पोल खुल जाती हे। वीना अंडे का हलवा बनाती है तभी जमुना देवी की आवाज सुनाई देती है। सब सकपका जाते हैं सारी चीजें ढक देते हैं।

जमुना अंदर आकर पूछती है कि दरवाजा ऐसे क्यों बंद कर रखा है ?

जमुना अपने कमरे की छत चुने की शिकायत करती है।

वह गोपाल से पूछती है कि वह कोने में खड़ा क्या कर रहा है ?

गोपाल कहता है कि वीना का हाथ जल गया है , मैं उसके लिए मरहम ढूंढ रहा हूं।

मां पूछती है कि स्टॉव के ऊपर क्या रखा है ?

वह देखना चाहती है। गोपाल मां को हाथ लगाने से मना करता है वह करंट मारने का डर दिखाता है। राधा बहाना बनाती है कि श्याम के घुटने में गेंद लग गई है , इसलिए पुल्टिस बांधने के लिए गर्म किया है। जमुना स्वयं पुल्टिस बांधने को कहती है गोपाल बहाने बनाकर उन्हें मना करता है तथा उन्हें उनके कमरे तक छोड़ने जाता है।

वह सभी हलवा खाने लगते हैं तथा छिलकों को छिपाने का उपाय करते हैं। तभी बड़ा भाई माधव आ जाता है। माधव को सब पता चल जाता है। गोपाल उनसे प्रार्थना करता है कि अम्मा को मत बताना , माधव कहता है कि अम्मा को सभी बातें पता है।

अब अंडे के छिलके छिपाने की कोई जरूरत नहीं है।

 

अंडे के छिलके प्रश्न विचार

प्रश्न  1 – पराया घर तो लगता ही है , भाभी”- अपनी भाभी के कमरे में श्याम को परायापन का एहसास क्यों होता है ?

उत्तर –

भाभी के घर में आते ही भाई गोपाल के कमरे का नक्शा ही बदल गया था। भाभी ने कमरे की हर चीज व्यवस्थित करीने से अपने स्थान पर धन से रख दी थी।

अतः श्याम के कमरे में पैर रखने की भी हिम्मत नहीं होती थी।

भाभी के घर में आने से पहले जूतों को छोड़कर अन्य चीजें चारपाई पर पड़ी रहती थी। अब तो केवल एक कोना ही गोपाल भैया का नजर आता है।  जहां पतलून और कोट एक-दूसरे पर टंगे हुए नजर आते हैं।

ऐसा लगता है कि सारे कमरे की सरकार ही बदल गई है।

यही कारण है कि श्याम को भाई-भाभी के कमरे में परायापन का एहसास होता है।

प्रश्न 2  – अम्मा की जो तस्वीर एकांकी में उभरती है अंत में वह बिल्कुल बदल जाती है – टिप्पणी कीजिए।

उत्तर –

अम्मा की छवि एकांकी में पहले कठोर और रूढ़िवादी के रूप में उभर कर आता है , जो अपनी मान्यताओं को सर्वोपरि मानती है।

पुरानी मान्यता को घर पर थोपना चाहती है , वह पूजा-पाठ और भक्ति से जुड़ी है।

अंडा , सिगरेट , शराब आदि को अपने घर में कभी नहीं लाना चाहती।

घर में नई पीढ़ी के सदस्य बेटा , बहू उनकी इस मान्यता को मन से मांनते हैं।

किंतु वह छिपकर अपने सभी शौक पूरे करते हैं। घर के बंद कमरों में अंडे का हलवा भी बनता है तथा सिगरेट भी पिया जाता है और उन सभी को छिपाने की पूरी योजना भी रहती है। किंतु सभी इस बात का सदैव ध्यान रखते हैं कि अम्मा को इस बात का पता नहीं चलना चाहिए जिससे उनके मन को ठेस लगे।

अंत में जब बड़े भाई माधव के साथ सभी नई पीढ़ी के सदस्यों की बात होती है तो सभी को मालूम होता है अब मैं उन सभी के द्वारा किए जा रहे कार्यों को पहले से जानती है। वह अंडे का हलवा घर में बनना तथा सिगरेट पीना आदि सब कुछ पहले से जानती है किंतु घर के सदस्यों के बीच सहयोग और साझेदारी प्यार बना रहे इसलिए वह किसी को टोकती नहीं है। इस संवाद के बाद अम्मा का कठोर रूढ़िवादी रूप से स्नेहमयी , ममतामई और सदस्यों को एकजुट रखने वाली विवेकशील महिला का रूप उभर कर आता है।

प्रश्न 3 – अम्मा के अचानक आ जाने पर अंडे के हलवे के संदर्भ में क्या बहाना बनाया गया ?

उत्तर –

अम्मा के अचानक कमरे में आ जाने पर वहां उपस्थित परिवार के सदस्यों में हलचल मच जाती है। सभी अंडे के हलवे को छिपाने का प्रयत्न करते हैं।

अम्मा जैसे ही कमरे में आती है , पूछती है यह कमरा कैसे बंद किया हुआ था ?

लोग तरह-तरह के बहाने बनाते हैं।

गोपाल एक कोने में जाकर खड़ा हो जाता है , अम्मा के पूछने पर बताता है वह मरहम ढूंढ रहा है।

वीना का हाथ जल गया है उस पर लगाने के लिए।

तभी अम्मा की निगाह स्टोव पर पड़ती है, अम्मा के पूछने पर कि स्टोव पर क्या चढ़ा है ?

राधा एक नया झूठ बना देती है।

श्याम के घुटने पर गेंद लग गई थी , इसलिए पुल्टिस गरम बन रहा है।

जब अम्मा पुल्टिस स्वयं बांधने के लिए कहती है , तो गोपाल स्टोव पर करंट का भय दिखाकर उसे कमरे से बाहर ले जाता है। इस प्रकार के कई तरह के बहाने बनाकर अम्मा से अंडे का हलवा छिपाने का प्रयत्न किया जा रहा था।

प्रश्न 4 – अंडे के छिलके एकांकी में पीढ़ियों की टकराहट से पुराने मूल्यों की टूटने और नए मूल्यों का उभार है” स्पष्ट कीजिए।

उत्तर –

  • परिवर्तन प्रकृति का नियम है , यह जगत परिवर्तनशील है।
  • यहा कोई भी स्थाई नहीं रह सकता चाहे वह नैतिक मूल्य हो या आध्यात्मिक सभी परिवर्तन के दायरे में आते हैं।
  • इसी प्रकार अंडे के छिलके एकांकी में परिवार में परिवर्तन देखने को मिलता है।
  • पुरानी पीढ़ी के लोग जहां अब भी अपनी परंपरा तथा बंधनों में जुड़े हुए हैं।
  • वही नई पीढ़ी के लोग उन बंधनों में बंधकर नहीं रहना चाहते।
  • वह अपने मन का करना चाहते हैं जो उन्हें अच्छा लगता है।
  • उसे करने के लिए वह स्वतंत्रता चाहते हैं ,
  • किंतु वही यह भी नहीं चाहते कि उनके किसी भी कार्य से परिवार के सदस्यों में मनमुटाव तथा निराशा की भावना जागे।
  • इसलिए वह अपने सारे शौक छिप-छिपा कर पूरा किया करते थे।
  • परिवार की खास बात यह है कि दोनों पीढ़ी के बीच सामंजस्य है।
  • पुरानी पीढ़ी जहां सभी बातों को जानते हुए नजरअंदाज करती है ,
  • वहीं नई पीढ़ी के सदस्य अपनी बातों को छिपाने के लिए भरसक प्रयास करते हैं।

प्रश्न 5 – अंडे के छिलके एकांकी में पात्र दोहरी मानसिकता अपनाते हुए पुराने नए के बीच सामंजस्य रखने का प्रयास कर रहे हैं – स्पष्ट कीजिए।

उत्तर –

अंडे के छिलके एकांकी में सभी पात्र लगभग दोहरी मानसिकता को अपनाकर नए तथा पुराने के बीच सामंजस्य स्थापित किए रहते हैं। पुराने सदस्य जहां – अंडा , मीट-मांस खाते और प्रेम आदि की किताबें नहीं पढ़ते। पुरानी पीढ़ी उनसे कोसों दूर रहते हैं , वही नई पीढ़ी के लोग इन्हें अपने शौक में शामिल करते हैं।

दोनों पीढ़ी के बीच इसी विषय को लेकर मानसिकता बदली हुई है।

सभी पात्र एक-दूसरे का सम्मान करते हुए अपने शौक को पूरा करते हैं।

किंतु दूसरे को ठेस ना लगे इसलिए बात को छुपाते भी है।

घर में अंडा भी बनता है , चंद्रकांता भी पढ़ा जाता है , यहां तक कि घर के बंद कमरे में सिगरेट पी पिया जाता है , किंतु सभी कार्य बिना किसी के जानकारी के होता है। यह सभी कार्य इसलिए छुपकर किए जाते हैं ताकि दूसरी पीढ़ी के लोग दुखी ना हो। जबकि अम्मा इन सभी कार्यों को जानती है। किंतु वह कभी अपने मन से व्यक्त नहीं करती है ना ही कोई विरोध करती है , बस उनका डर नई पीढ़ी के सदस्यों में बना रहता है जिसका उद्घाटन अंडे का हलवा बनने के बाद माधव के द्वारा होता है।

प्रश्न 6 – अंडे के छिलके एकांकी से क्या प्रेरणा मिलती है ?

उत्तर –

अंडे के छिलके एकांकी से यही प्रेरणा मिलती है कि परिवार को किस प्रकार एकजुट रखकर चलना चाहिए।  किसी भी सदस्य का मन दुखी ना हो इसके लिए भले ही झूठ का सहारा लेना पड़े पर इसका ध्यान रखना चाहिए।

इस एकांकी में सभी सदस्य एक-दूसरे का सम्मान करते हैं।

एक दूसरे के प्रति आदर का भाव रखते हैं।

नई और पुरानी पीढ़ी के बीच किस प्रकार का सामंजस्य स्थापित करना चाहिए यह भी प्रेरणा मिलती है।

प्रश्न 7 – अंडे के छिलके एकांकी के शीर्षक की सार्थकता सिद्ध कीजिए।

उत्तर –

किसी भी कहानी , एकांकी या साहित्य के शीर्षक से उस साहित्य का अंदाजा लग जाता है। इसलिए साहित्यकारों ने शीर्षक के विषय में भी बड़ी लंबी चौड़ी रूपरेखा तैयार की है।

अंडे के छिलके , एकांकी का शीर्षक लेखक ने सोच समझ कर रखा है

  • क्योंकि संपूर्ण एकांकी में अंडे का विषय उपस्थित रहा है।
  • अंडे का हलवा बनाना ,
  • उस छिलके को छिपा कर रखना ,
  • इसके लिए तरह-तरह से प्रयत्न किए जाते हैं।

कभी वह जूते के मौजों में तो कभी किसी कोने में छुपा कर रखा जाता है।

अम्मा के कमरे में आने से वहां के सदस्यों में किस प्रकार उत्तल पुथल मच गई थी।

अंडे के हलवे को छिपाने के लिए तरह-तरह का प्रयास किया गया।

परिवार के सभी सदस्यों ने झूठ बोला और अम्मा को बहला-फुसलाकर कमरे से बाहर ले गए।

पूरी एकांकी मैं अंडे का विषय केंद्र में रहा, अम्मा से छिपाने के लिए तरह-तरह के प्रयत्न किए गए। किंतु जब अंतिम में यह पता चला की अम्मा पहले से जानती है। इस घर में अंडा भी बनता है , सिगरेट भी पिया जाता है और चंद्रकांता भी पढ़ा जाता है तो सभी पात्रों की मानसिकता में परिवर्तन देखने को मिलता है. कुल मिलाकर अंडे का विषय इस एकांकी में बड़ी ही रोचक और नाटकीय ढंग से प्रस्तुत किया गया है , जिसके कारण एकांकी का शीर्षक अंडे के छिलके सार्थक सिद्ध होता है।

प्रश्न 8 – प्रश्न अंडे के छिलके एकांकी का उद्देश्य बताओ।

उत्तर – मोहन राकेश मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखते हैं , उनका जीवन बड़े ही उतार-चढ़ाव के दौर से गुजरा।

उनकी तीन शादियां हुई , किंतु कोई भी शादी टिक कर नहीं रह सकी।

यह उनके जीवन की विडंबना ही थी।

उन्होंने आधे-अधूरे नाटक में अपने जीवन के मर्म को उकेरा है।

अंडे के छिलके एकांकी में भी उन्होंने मध्यम वर्गीय परिवार में एक पीढ़ी तथा दूसरी पीढ़ी के बीच की मानसिकता को व्यक्त करने का प्रयत्न किया है।  घर के सदस्यों के बीच सामंजस्य हो तो वह परिवार ठीक प्रकार से चल सकता है अन्यथा सदैव टकराव की स्थिति बनी रहती है।  इस एकांकी में लेखक का पूरा उद्देश्य नई पीढ़ी तथा पुरानी पीढ़ी के बीच सामंजस्य स्थापित करना तथा एक दूसरे के प्रति सम्मान की भावना उत्पन्न करना है।

प्रश्न 9 – राधा के चरित्र की कौन-कौन सी विशेषताएं हैं , जिन्हें आप अपने जीवन में सम्मिलित करना चाहोगे और क्यों ?

उत्तर – राधा का चरित्र इस एकांकी में कुछ निम्नलिखित रुप से उपस्थित हुए हैं , जिन्हें हम अपने जीवन में सम्मिलित करना चाहेंगे –

  • साहित्य प्रेमी

राधा साहित्य प्रेमी है वह पढ़ी-लिखी सुशील लड़की है , जिसे साहित्य से बेहद लगाव है।

वह रामायण के राम का त्याग तथा चंद्रकांता के वीरेंद्र के तपस्या आदि के मर्म को बेहद ही बारीकी से समझती है और उसे अपने जीवन में अपनाती है।

  • सम्मान की भावना

राधा के चरित्र में दूसरों के प्रति सम्मान की भावना कूट-कूट कर भरी पड़ी है।

वह सभी सदस्यों के विषय में जानती है कि वह लुक-छुप कर क्या कार्य करते हैं – चाहे वह अंडा बनाने का विषय हो या सिगरेट पीने का मगर वह सभी का सम्मान करते हुए किसी की बुराई नहीं करती है।

  • चरित्रवान

राधा का चरित्र उत्तम है , वह किसी के प्रति ईर्ष्या-द्वेष की भावना नहीं रखती।

सबके प्रति सम्मान की भावना रखती है। यह जानते हुए कि घर में अम्मा को चंद्रकांता जैसी साहित्य का अध्ययन पसंद नहीं है। वह छिपछिपा कर मोमबत्ती जलाकर भी पढ़ती है जिससे उसके चरित्र का उद्घाटन होता है।

  • समझदारी

राधा की समझदारी अन्य सदस्यों से काफी अलग थी।

इस समझदारी का सामान्य लोगों में अभाव होता है। अम्मा के द्वारा कमरे में खोजबीन करने पर राधा बहाना बनाती है कि श्याम के घुटने में गेंद से चोट लग गई है इसके लिए पुल्टिस बनाया जा रहा है यह उसके समझदारी का परिचय है। उपरोक्त बिंदुओं पर विचार करने से स्पष्ट होता है कि राधा का चरित्र एकांकी में अन्य पात्रों से भिन्न है।

राधा का चरित्र किसी भी व्यक्ति के लिए जीवन में अहम योगदान निभा सकता है।

प्रश्न 10 – अंडे के छिलके पाठ साहित्य की कौन सी विधा है। तर्क सहित स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – अंडे के छिलका हिंदी साहित्य के अनुसार एकांकी विधा के अंतर्गत आता है। एकांकी अर्थात एक अंक वाला जब रंगमंच का पर्दा उठता है , उस रंगमंच पर एक बार में ही अर्थात परदा गिरने से पहले वह अंक खत्म हो जाना चाहिए।

यह एकांकी के अंतर्गत आता है।

अंडे का छिलका के संदर्भ में भी ऐसा ही है।

रंगमंच का पर्दा जब उठता है तो गैलरी वाला दरवाजा खुला दिखाई देता है, दरवाजे के आगे पर्दा लहरा रहा है आदि दृश्य से यह अंक आरंभ होता है और अंत माधव की बातों से होता है।

प्रश्न 11 – धूम्रपान से होने वाली बीमारियों के नाम बताओ ?

प्रश्न 12- संयुक्त परिवार की कैसी झांकी एकांकी के माध्यम से प्रस्तुत की गई है?

 

यह भी पढ़ें

Eidgah premchand summary in hindi

Chapter Kabir Class 11

सूरदास कक्षा 11

दोपहर का भोजन

टॉर्च बेचने वाला

गूंगे ( रांगेय राघव ) कक्षा 11

पद्माकर ( जीवन परिचय ) कविता की व्याख्या

घर में वापसी ‘धूमिल’

बादल को घिरते देखा है नागार्जुन

ज्योतिबा फुले – पाठ का सार

खानाबदोश ओमप्रकाश बाल्मीकि

जाग तुझको दूर जाना महादेवी वर्मा

सब आंखों के आंसू उजले महादेवी वर्मा

संदेश लेखन

Abhivyakti aur madhyam ( class 11 and 12 )

विभिन्न माध्यम के लिए लेखन

Sampadak ko Patra

jansanchar madhyam class 11

पत्रकारिता लेखन के विभिन्न प्रकार

निष्कर्ष 

अंडे का छिलके , मोहन राकेश की कालजई रचना है।

इस एकांकी के माध्यम से मोहन राकेश ने पुरानी पीढ़ी तथा नई पीढ़ी के बीच की स्थिति को स्पष्ट किया है। किस प्रकार नई पीढ़ी तथा पुरानी पीढ़ी के बीच तालमेल ठीक रहने से परिवार संतुलित चलता है अन्यथा परिवार में असंतोष का भाव जागृत होता है।

पाठ के सभी पात्र एक दूसरे के प्रति सम्मान की भावना रखते हुए नए तथा पुराने पीढ़ी के बीच सामंजस्य बैठा कर कार्य करते हैं। कोई भी दुखी ना हो इसका ख्याल रखते हैं अपने सभी शौक को पूरा करते हैं किंतु एक दूसरे से छुपाकर। एकांकी में बीना जो नए विचार की महिला है वह सभी चीजों को व्यवस्थित देखना चाहती है , जैसे पात्र का उदाहरण है वही राधा जो पढ़े लिखे शिक्षित युवती होते हुए अपने परिवार के भावनाओं का ख्याल रखती है।

अम्मा पुरानी पीढ़ी की होते हुए परिवार के सभी सदस्यों के रहस्य को जानती है फिर भी अपने मन से कभी उद्घाटित नहीं करती और ना ही किसी पर क्रोध करती है। इस एकांकी के माध्यम से लेखक ने परिवार के बीच सामंजस्य की भावना तथा सम्मान की भावना को उद्घाटित करते हुए परिवार को ठीक प्रकार से चलाने का मूल मंत्र दिया है।

Our Social Media Handles

Fb page

2 thoughts on “अंडे के छिलके, मोहन राकेश एकांकी, कक्षा 11”

  1. Well knowledge thanks for it tommorow is my exam pls say me all the best very helpfull notes
    This website wil be saved by me
    and I will use this for ever thanks again

    Reply

Leave a Comment