आज के लेख में हम सफेद जिराफ के संदर्भ में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं। जिराफ जंगल में सबसे लंबे जानवरों में से एक है। यह प्रजाति बेहद ही दुर्लभ है , जिसे विश्व में अधिकतर देखा नहीं जाता।
सफेद जिराफ की बात करें तो वह अत्यंत दुर्लभ प्रजाति की है।
यह लेख सफेद जिराफ से संदर्भित है इस लेख के माध्यम से आपके ज्ञान और जिज्ञासा दोनों की शांति हो सके , इस उद्देश्य के साथ लेख आरंभ करते हैं –
सफेद जिराफ
जिराफ जंगल में सबसे ऊंचा माना जाने वाला जानवर है।
यह अपने कद – काठी के लिए जाना जाता है। इसके रफ्तार और आकर्षक शरीर लोगों को अपनी और आकर्षित करता है।
जिराफ का शरीर इसके लिए वरदान है , तो अभिशाप भी है।
जहां यह किसी भी खतरे को बेहद आसानी से देख लेता है , वही बड़े कद के कारण कई बार मुसीबत में भी फस जाता है।
जिराफ अफ्रीका के जंगल में बहुतायत संख्या में पाए जाते हैं।
अन्य जगहों पर भी इसकी उपलब्धता है , किंतु उतनी नहीं जितना अफ्रीका के जंगलों में है। यह एक शुद्ध शाकाहारी जीव है , जो वृक्ष के कोमल हरे पत्तों को खाना पसंद करता है।
इसलिए इसे सुकुमार भी कहा जाता है।
- जिराफ का औसतन ऊंचाई लगभग 18 फीट मानी गई है , जिसके कारण इसे जंगल का सबसे ऊंचा जानवर माना गया है।
- इनकी गर्दन ही लगभग 6 फीट लंबी होती है।
- स्वभाव से यह बेहद शांत स्वभाव के होते हैं।
- यह समाज में मिलकर रहने वाले प्राणियों में से एक हैं।
- अपने समूह पर आक्रमण होने पर यह मिलकर उसका मुकाबला करते हैं। इ
- नके पैर लंबे होते हैं जिसके कारण यह दूर तक अपने पैरों के द्वारा प्रहार कर सकते हैं।
यह शेर , चीता आदि जैसे जानवरों को भी अपने पैरों के प्रहार से पस्त करने की क्षमता रखते हैं।
जिराफ के जानकार बताते हैं यह दिन में सिर्फ लगभग 30 मिनट ही सोते हैं।
- जिराफ अफ्रीका जैसे गर्म प्रदेशों में भी यह बेहद अच्छे ढंग से रह सकने की काबिलियत रखते हैं।
- जिसका प्रमुख कारण है इन्हें पानी पीने की अधिक आवश्यकता नहीं होती है।
- यह घास – फूस खाकर ही उनके मिनिरल को ग्रहण कर लेते हैं ,
- जिसके कारण इनकी ऊंटों के साथ तुलना की जाती है।
- जिराफ एक स्तनधारी प्राणी है।
- जिसमें मादा अपने गर्भ में शिशु को लगभग सवा साल रखती है।
जिराफ का कुल वजन 800 से 1200 किलो ग्राम माना जाता है।
सफेद जिराफ के विलुप्त होने का कारण
सफेद जिराफ दुनिया में वैसे तो बहुत ही दुर्लभ थे। यह केवल एक ही देश केन्या में पाए जाते थे , जिसे शिकारियों ने अपना शिकार बना लिया। सफेद जिराफ को केन्या के जंगलों में 2016 में देखा गया था। तब इनकी संख्या 3 थी जिसमें एक मादा और एक नर तथा एक बछड़ा शामिल था।
वर्तमान सूचना के अनुसार शिकारियों ने मादा और बछड़े को घातक हथियार से मार डाला।
इनके कंकाल जंगलों में देखने को मिले हैं।
यह एक दुखद खबर है , पर्यावरणविदों के लिए यह किसी बुरे सपने से कम नहीं है।
दुनिया भर के पर्यावरणविद् इस प्रकार के कृत्य पर अपना असंतोष दर्ज करा रहे हैं , और इनके संरक्षण के लिए मांग कर रहे हैं। किंतु आपको बता दें कि अब इनके प्रजाति को बचा पाना तथा इनकी संख्या वृद्धि करना असंभव हो गया है।
क्योंकि 3 में से दो जिराफ की हत्या कर दी गई है ,
एक जिराफ बचा है जिसके कारण अब इसे विलुप्त होने से नहीं बचाया जा सकता।
गैरीसा काउंटिंग केन्या मे मिले दोनों के कंकाल की जांच की जा रही है, और दोषियों के धर – पकड़ के लिए कार्यवाही तेजी से आरंभ की गई है।
किंतु कितना भी प्रयास करें इनकी संख्या अब बढ़ पानी नामुमकिन होगी।
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आशा है जिराफ पर लिखा यह लेख आपको पसंद आया होगा और बहुत सारी नई जानकारियां प्राप्त हुई होंगी। अगर आपको कोई टिप्पणी करनी है तो आप नहीं चाहिए कमेंट बॉक्स में कर सकते हैं। अगर आप चाहते हैं कि हम किसी नए टॉपिक पर लेख लिखें तो वह भी आप हमें बता सकते हैं।
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