कार्यसूची लेखन ( अभिव्यक्ति और माध्यम ) संपूर्ण जानकारी

प्रस्तुत लेख में कार्यसूची लेखन को विस्तृत रूप से जानने का प्रयास करेंगे। इसे सरल बनाने के लिए हमने दो कार्यसूची के नमूने भी पेश किए हैं। आप इसी आधार पर अपने अनुसार अन्य कार्य सूची का निर्माण कर सकते हैं।

यह कक्षा ग्यारहवीं अभिव्यक्ति माध्यम के अंतर्गत विशेष रूप से पूछे जाने वाला प्रश्न है। इसके अध्ययन से आप अपनी परीक्षा की तैयारी भी कर सकते हैं।

कार्यसूची लेखन की विस्तार से जानकारी

किसी कार्य को करने से पूर्व उसे सूचीबद्ध करना उसकी रूपरेखा को तैयार करना कार्यसूची कहलाता है। कार्यसूची बैठक के आरंभ होने से पूर्व तथा समापन के उपरांत दोनों परिस्थितियों में तैयार किया जाता है।

इस बैठक में क्या निर्णय लेना है, किन विषयों पर बातचीत करनी है यह विस्तृत रूप से योजना की जाती है। साथ ही समापन हुए बैठक में क्या निर्णय लिया गया, किन विषयों का सुझाव आया, कितनी सहमति बनी अगली बैठक कब रखनी है। पिछली बैठक में जो निर्णय लिए गए उसे पूरा किया गया अथवा नहीं क्या आवश्यकता है, यह सभी कार्यसूची में समाहित किया जाता है।

१. कार्यसूची लेखन नमूना

प्रश्न – 20 मई 2016 को विद्यालय में वार्षिक उत्सव के संदर्भ में एक बैठक होनी निश्चित हुई है।

बैठक से पूर्व विचारणीय बिंदुओं पर कार्यसूची बनाइए।

राजकीय बालिका विद्यालय सांस्कृतिक समिति की बैठक

दिनांक –  20 मई 2016

बैठक का समय – प्रातः 10:00 बजे

स्थल – विद्यालय सभागार

कार्यसूची –

  1. पिछली 5 वर्षीय बैठक के कार्यवृत्त की संपुष्टि।
  2. पिछली बैठकों में लिए गए निर्णय के अनुपालन की समीक्षा।
  3. वार्षिकोत्सव में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर चर्चा।
  4. मुख्य अतिथि , विशिष्ट अतिथि निमंत्रण पर चर्चा।
  5. विद्यालय प्रबंधन समिति के सुझाव।
  6. वार्षिकोत्सव पर होने वाले व्यय पर चर्चा।
  7. प्रधानाचार्य की अनुमति से किसी भी अन्य विषय पर चर्चा।
  8. जलपान/भोज के आयोजन पर चर्चा।
  9. धन्यवाद ज्ञापन।

हस्ताक्षर

सचिव , सांस्कृतिक समिति।

२. कार्यसूची लेखन उदाहरण

प्रश्न – विद्यालय की सांस्कृतिक समिति की 26 मई 2016 को संपन्न हुई थी, उसमें जिन विषयों पर चर्चा हुई, जो निर्णय लिए गए उनके कार्यवृत्त का नमूना प्रस्तुत कीजिए।

विद्यालय नई सीमापुरी दिल्ली की सांस्कृतिक समिति की बैठक

दिनांक 26 मई 2016 को छठी बैठक संपन्न हुई। सांस्कृतिक समिति की इस बैठक की अध्यक्षता उप प्रधानाचार्य श्रीमती कमला सिंह ने की।  बैठक में भाग लेने वाले सदस्यों की सूची इस प्रकार है –

  1. विजय सिंह लक्ष्मी (सचिव)
  2. भारती (सदस्य)
  3. पूनम शर्मा (सदस्य)
  4. मीनू शर्मा (सदस्य)
  5. सारिका नेहरू (सदस्य)
  6. सरिता (सदस्य)
  7. सुरेंद्र गुजराल (एस.एम.सी सदस्य)
  8. राजेंद्र चंदेला (एस.एम.सी सदस्य)

कार्यवाही का आरंभ अध्यक्षा द्वारा अपने सभी सदस्यों का स्वागत करने से हुआ। इसके पश्चात उन्होंने अपने अनुभवों से अवगत कराया। जिससे हम अपने वार्षिकोत्सव को अधिक प्रभावशाली और सफल बना सकते हैं।

सामान्य चर्चा के बाद बैठक की कार्यसूची में वर्णित विषयों पर विचार विमर्श हुआ।

जिसका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है –

  1. पांचवी बैठक के कार्यवृत्त प्रस्तुत किया गया। सदस्यों ने सर्वसम्मति से इस कार्यवृत्त की संपुष्टि की।
  2. पिछली बैठकों में लिए गए निर्णय के अनुपालन की समीक्षा।
  3. समिति ने पिछली बैठकों में लिए गए निर्णय हो के अनुपालन संबंधी प्रतिवेदन की विस्तार से समीक्षा की।
  4. समिति ने अधिकांश निर्णय के अनुपालन पर संतोष व्यक्त किया और इस बात पर जोर दिया कि जो अनुपालन से हो उन्हें अगली बैठक से पहले कार्यान्वित कर देना चाहिए।
  5. बोर्ड ने निर्णय लिया कि वार्षिकोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम संक्षिप्त एवं शिक्षाप्रद हो लघु नाटिका एवं लोक नृत्यों की महत्ता पर विचार हो।
  6. अनेक लोक नृत्य को सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रस्तुत किए जाने की बात स्वीकार की गई।
  7. अतिथियों को निमंत्रित किए जाने पर चर्चा हुई और निर्णय लिया गया कि शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने वाले किसी व्यक्ति को मुख्य अतिथि के रुप में बुलाया जाए।
  8. एस.एम.सी. से सदस्य कार्यक्रम पर सुझाव मांगे गए। कार्यक्रम पर समिति के दोनों सदस्यों ने अपनी सहमति जताई।
  9. वार्षिकोत्सव पर होने वाले व्यय को प्रधानाचार्य जी ने बढ़ाने की स्वीकृति दी, ताकि छात्रों को उत्तम खाद्य पदार्थ वितरण किया जा सके।
  10. प्रधानाचार्य की अनुमति से विद्यालय स्वच्छता पर भी चर्चा हुई, अगली बैठक 13 जुलाई 2016 को होगी।

हस्ताक्षर

  1. अध्यक्ष
  2. सदस्य
  3. सदस्य
  4. हस्ताक्षर
  5. सचिव

कार्यसूची की आवश्यकता क्यों होती है ?

किसी भी बैठक या आयोजन की संपन्नता कार्यसूची पर निर्भर करती है। कार्यसूची को साधारण शब्दों में एजेंडा कहा जाता है। जिस बैठक का आयोजन होना है या संपन्न हो चुका है, उसकी रूपरेखा को व्याकरण की भाषा में कार्यसूची कहा जाता है।

अगर किसी बैठक की रूपरेखा तैयार न की जाए तो बैठक दिशाहीन तथा अर्थहीन हो जाता है। बैठक के आरंभ के पश्चात उसे सुचारू रूप से चलाना कठिन हो जाता है।

जबकि कार्यसूची के होने पर बैठक को एक दिशा मिल जाती है और सुचारू रूप से आगे बढ़ता जाता है।

कार्यसूची में पहले ही सभी विषयों, अतिथियों, अध्यक्ष आदि की चरणबद्ध रूप से योजना की जाती है। किन विषयों पर चर्चा करनी है, किन समस्याओं को सामने रखना है।  इन सभी का विस्तृत रूप से विचार विमर्श किया जाता है। यह सभी कार्य सूची के द्वारा ही संपन्न हो पाता है। बैठक की समाप्ति के पश्चात बैठक में किन निर्णयों पर सहमति बनी, कौन अध्यक्ष रहे, तथा उस बैठक में कौन-कौन शामिल हुए।

किन विषयों को शामिल किया गया, किस पर सहमति या और सहमति बनी। सारा ब्यौरा कार्यसूची में होता है।साथ ही अगली बैठक कब रखनी है, यह भी लिखा जाता है।

इसलिए किसी भी बैठक के सफल आयोजन के लिए कार्य सूची का होना बेहद आवश्यक है।

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निष्कर्ष

कार्यसूची किसी बैठक के सफल आयोजन करने तथा समापन होने के उपरांत तैयार किया जाता है। यह बैठक का एजेंडा होता है जिसमें बैठक को कब कितने समय में किन प्रश्नों पर किन लोगों के साथ बातचीत करनी है यह सभी ब्यौरा संक्षेप में दिया होता है। इसी कार्यसूची के आधार पर किसी बैठक को संपन्न कराया जाता है।  साथ ही अगली बैठक कब होनी है इसका भी निर्णय लिया जाता है।

उपरोक्त अध्ययन से हमने कार्यसूची लेखन को विस्तृत रूप से जानने का प्रयास किया है।

आशा है अब आप कार्य सूची को बनाना जान गए होंगे, साथ ही अपनी परीक्षा की तैयारी भी कर सकते हैं।  संबंधित विषय से प्रश्न पूछने के लिए कमेंट बॉक्स में लिखें हम आपको तत्काल उत्तर देने का प्रयत्न करेंगे।

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