पत्रकारिता लेखन के विभिन्न प्रकार ( अभिव्यक्ति और माध्यम )

पत्रकारिता लेखन का संबंध समसामयिक और वास्तविक घटनाओं तथा मुद्दों से है। यह अनिवार्य रूप से तात्कालिक और पाठक की रुचियां और जरूरतों को ध्यान में रखकर किया जाता है।

सृजनात्मक लेखन में कल्पना को भी स्थान दिया जाता है। इस लेखन में लेखक पर बंधन नहीं होता उसे काफी छूट होती है।

पत्रकारिता लेखन के विकास में जिज्ञासा का मूल भाव सक्रिय होता है। अच्छे लेखन की भाषा सीधी सरल एवं प्रभावी होती है।

अच्छे लेखन के लिए ध्यान देने योग्य बात – गुढ से गूढ़ विषय की प्रस्तुति सरल सहज और रोचक हो।  विषय तथ्यों द्वारा पुष्ट हो। लेख उद्देश्य पूर्ण हो।

पत्रकारिता लेखन के विभिन्न रूप और लेखन प्रक्रिया

लोकतंत्र में अखबार एक पहरेदार शिक्षक और जनमत निर्माण का कार्य करते हैं।

अखबार पाठकों को सूचना देने जागरूक और शिक्षित बनाने उसका मनोरंजन करने के दायित्व को निभाते हैं। पत्रकार इस दायित्व की पूर्ति के लिए लेखन के विभिन्न रूपों का प्रयोग करते हैं इसे ही पत्रकारीय लेखन कहते हैं।

पत्रकारिता लेखन के विभिन्न प्रकार एवं सृजनात्मक लेखन एक दूसरे से भिन्न है।

पत्रकार के प्रकार –

  • पूर्णकालिक – किसी समाचार संगठन के नियमित वेतन भोगी होता है।
  • अंशकालिक – एक निश्चित मानदेय पर काम करने वाले होते है।
  • फ्रीलांसर – स्वतंत्र पत्रकार जो भुगतान के आधार पर अलग-अलग अखबारों के लिए लिखते हैं।

छह प्रकार – किसी भी समाचार में छः प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास किया जाता है।

  • क्या हुआ ?
  • कैसे हुआ ?
  • किसके साथ हुआ?
  • क्या हुआ ?
  • कहां हुआ ?
  • कब हुआ ?

उल्टा पिरामिड शैली ( पत्रकारिता लेखन के विभिन्न प्रकार )

  • मुखड़ा – सबसे महत्वपूर्ण बात
  • बॉडी – कुछ कम महत्वपूर्ण बात
  • समापन – सबसे कम महत्वपूर्ण बात

फीचर एक सुव्यवस्थित सृजनात्मक और आत्मनिष्ठ लेखन है। जिसका उद्देश्य पाठकों को सूचना देना , शिक्षित करना तथा मनोरंजन करना होता है।

फीचर तथा समाचार में अंतर

समाचार फीचर 
1 समाचार का कार्य पाठकों को सूचना देना होता है 1 फीचर एक सुव्यवस्थित सृजनात्मक और आत्मनिष्ठ लेखन है
2 इसका उद्देश्य पाठकों को ताजी घटना से अवगत कराना होता है 2 इसका उद्देश्य पाठकों को सूचना देना , शिक्षित करना और मनोरंजन करना होता है
3 इसमें शब्द सीमा होती है 3 इसमें शब्द सीमा नहीं होती अच्छे फीचर 200 से 2000 शब्दों तक होते हैं
4 इसमें लेखक के विचारों की कल्पना के लिए कोई स्थान नहीं होता 4 इसमें लेखक की कल्पना और विचारों को भी स्थान मिलता है
5 इसमें फोटो का होना अनिवार्य है 5 अच्छे फीचर के साथ फोटो या ग्राफिक्स होना अनिवार्य है

 

फीचर के प्रकार –

  • समाचार बैकग्राउंड फीचर ,
  • खोजपरक साक्षात्कार फीचर ,
  • जीवन शैली फीचर ,
  • रूपात्मक फीचर ,
  • व्यक्तित्व चरित्र फीचर ,
  • यात्रा फीचर आदि।

विशेष रिपोर्ट – समाचार पत्र – पत्रिकाओं में गहरी छानबीन , विश्लेषण और व्याख्या के आधार पर जो रिपोर्ट प्रस्तुत की जाती है उसे विशेष रिपोर्ट कहते हैं।

विशेष रिपोर्ट के प्रकार

  • खोजी रिपोर्ट – पत्रकार ऐसी सूचना और तथ्यों को छानबीन कर जनता के समक्ष लाता है जो पहले सार्वजनिक ना हो।
  • इन डेप्थ रिपोर्ट – सार्वर्जनिक रूप से प्राप्त तथ्यों सूचनाओं और आंकड़ों की गहरी छानबीन कर महत्वपूर्ण पहलुओं को सामने लाया जाता है।
  • विश्लेषणात्मक रिपोर्ट – घटना या समस्या से जुड़े तथ्यों का विश्लेषण और व्याख्या की जाती है।
  • विवरणात्मक रिपोर्ट – समस्या का विस्तृत विवरण दिया जाता है।

आमतौर पर विशेष रिपोर्ट को उल्टा पिरामिड शैली में लिखा जाता है लेकिन विषय अनुसार रिपोर्ट में फीचर शैली का भी प्रयोग होता है। इसे फीचर रिपोर्ट कहते हैं।

विशेष रिपोर्ट की भाषा सरल , सहज और आम बोलचाल की होनी चाहिए।

विचारपरक लेखन –

अखबारों में संपादकीय पृष्ठ पर प्रकाशित होने वाले संपादकीय अग्रलेख टिप्पणियां विचार परख लेखन में आते हैं।

संपादकीय –

संपादकीय को अखबार की आवाज माना जाता है क्योंकि संपादकीय किसी व्यक्ति विशेष के विचार नहीं होते। संपादकीय का दायित्व संपादक और उसके सहयोगियों पर होता है , इसलिए इसके नीचे किसी का नाम नहीं होता। संपादकीय के जरिए अखबार किसी घटना या मुद्दे पर अपनी राय प्रकट करता है।

स्तंभ लेखन –

कुछ लेखक अपने वैचारिक रुझान और लेखन शैली के लिए पहचाने जाते हैं। ऐसे लेखकों की लोकप्रियता देखकर समाचार पत्र उन्हें एक नियमित स्तंभ लिखने का जिम्मा देता है। स्तंभ का विषय चुनने एवं उसमें अपने विचार व्यक्त करने की लेखक को पूर्ण छूट होती है। कुछ स्तंभ इतने लोकप्रिय होते हैं कि वह अपने लेखक के नाम से पहचाने जाते हैं।

संपादक के नाम पत्र –

यह स्तंभ जनमत को प्रतिबिंबित करता है यह अखबार का एक स्थाई स्तंभ है , जिसके जरिए पाठक विभिन्न मुद्दों पर ना सिर्फ अपनी राय प्रकट करता है अपितु जन समस्याओं को भी उठाता है।

लेख – संपादकीय पृष्ठ पर वरिष्ठ पत्रकार और विषय विशेषज्ञ किसी विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं इसमें लेखक के विचारों को प्रमुखता दी जाती है। किंतु इसमें लेखकों एवं तथ्यों के जरिए अपनी राय प्रस्तुत करता है।

साक्षात्कार –

साक्षात्कार का एक स्पष्ट मकसद होता है , एक सफल साक्षात्कार के लिए केवल ज्ञान अपितु संवेदनशीलता कूटनीति धैर्य और साहस जैसे गुण भी होने चाहिए।

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महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर ( विषय : पत्रकारिता लेखन के विभिन्न प्रकार )

प्रश्न – फीचर से क्या अभिप्राय है ? फीचर कितने प्रकार के होते हैं ? इसकी विशेषता बताइए।

उत्तर –  फीचर व्यवस्थित सृजनात्मक लेखन है , जिसका उद्देश्य पाठकों को सूचना देना , शिक्षित करना और मुख्य रूप से मनोरंजन करना होता है।  फीचर कई प्रकार के होते हैं जिसमें मुख्य हैं –

  • समाचार बैकग्राउंड फीचर
  • खोजपरक फीचर
  • साक्षात्कार फीचर
  • जीवन शैली फीचर
  • रूपात्मक फीचर
  • व्यक्ति चित्र फीचर
  • यात्रा फीचर
  • विशेष कार्य फीचर

फीचर की विशेषताएं –

फीचर की शैली तथ्यात्मक शैली के तरह होती है। इसका आकार रिपोर्ट से बड़ा होता है , एक अच्छे से रोचक फीचर के साथ फोटो रेखांकन या ग्राफिक्स का होना अनिवार्य है। फीचर में शब्दों की अधिकतम सीमा नहीं होती , फीचर बोझिल नहीं होते।

प्रश्न – विशेष रिपोर्ट से आप क्या समझते हैं ? विशेष रिपोर्ट कितने प्रकार के होते हैं ?

उत्तर – विशेष रिपोर्ट समाचार पत्र और पत्रिकाओं में शहरी छानबीन विश्लेषण और व्याख्या के आधार पर जो रिपोर्ट प्रस्तुत की जाती है उसे विशेष रिपोर्ट कहते हैं।

विशेष रिपोर्ट के प्रकार – विशेष रिपोर्ट के प्रमुख चार प्रकार होते हैं —

  • खोजी रिपोर्ट – जिस रिपोर्ट में पत्रकार उन सूचनाओं और तथ्यों को छानबीन करके जनता के सामने लाता है जो पहले सबके समक्ष ना आए हो।
  • इंन डेप्थ रिपोर्ट – सार्वजनिक रूप से प्राप्त तथ्यों सूचनाओं और आंकड़ों की गहरी छानबीन कर महत्वपूर्ण पहलुओं को जनता के सामने लाने वाली रिपोर्ट रिपोर्ट कहलाती है।
  • विश्लेषणात्मक रिपोर्ट – जिस रिपोर्ट में घटना या समस्या से जुड़े तथ्यों का विस्तार से विश्लेषण और व्याख्या की जाए।
  • विवरणात्मक रिपोर्ट – रिपोर्ट में समस्या का विस्तृत वर्णन और बारीकी से बारीकी तथ्य उद्घाटित किया जाए इसके अलावा और भी बहुत सी अन्य रिपोर्ट है जो विशेष रिपोर्ट के दर्जे में आती है।

फीचर रिपोर्ट – सामान्यता रिपोर्ट उल्टा पिरामिड शैली में लिखे जाते हैं , किंतु एक शैली में लिखी जाने वाली रिपोर्ट फीचर  रिपोर्ट कहलाती है।

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