संवाद लेखन की परिभाषा, उदाहरण ( Samvad lekhan )

प्रस्तुत लेख में संवाद लेखन ( Samvad lekhan, Dialogue writing in Hindi ) की परिभाषा, उदाहरण, महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध है।

संवाद लेखन व्याकरण का अंग है, यह अधिकतर कक्षा दसवीं तक की परीक्षाओं में प्रश्न के रूप में पूछा जाता है। सबसे पहले हम संवाद लेखन की परिभाषा को समझेंगे और उसके बाद कुछ महत्वपूर्ण बातों को सीखेंगे। तत्पश्चात बहुत सारे उदाहरण पढ़ेंगे जो आपको परीक्षा के अनुरूप पढ़ाया जाएगा।

संवाद लेखन की परिभाषा

परिभाषा :- दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच की बातचीत को वार्तालाप या कथोपकथन कहते हैं। वार्तालाप में संवादों का विशिष्ट महत्व होता है। संवादों के द्वारा वार्तालाप और अधिक आकर्षक बन जाता है। संवाद ही वार्तालाप को व्यवस्थित तथा आकर्षक बनाते हैं।

संवाद लिखते समय निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए :-

  1. संवाद की भाषा शैली सरल होनी चाहिए।
  2. छोटे व रुचिकर होने चाहिए।
  3. संवाद पात्रों के अनुकूल होने चाहिए।
  4. संवादों की स्वाभाविकता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  5. संवाद जीवंत होने चाहिए।
  6. संवाद विषय अनुकूल होने से रोचकता बनी रहती है।

दो दोस्तों के बीच पढ़ाई को लेकर संवाद लेखन

प्रदीप – कैसे हो दोस्त ?

सुरेश – मैं ठीक हूं , तुम कैसे हो ?

प्रदीप – पढ़ाई कैसी चल रही है ?

सुरेश – मेरी पढ़ाई तो बहुत बढ़िया हो रही है ! तुम्हारी पढ़ाई कैसी हो रही है?

प्रदीप – मेरी भी पढ़ाई ठीक चल रही है , बस कुछ विषय में दिक्कत है !

सुरेश – किस विषय में दिक्कत है ?

प्रदीप – अर्थशास्त्र में चक्रवृद्धि ब्याज समझ नहीं आ रहा।

सुरेश – वह तो बहुत आसान है छोटा सा ट्रिक है।

प्रदीप – क्या तुम मुझे समझा सकते हो ?

सुरेश – क्यों नहीं तुम जो मेरे मित्र हो।

प्रदीप – कब समय दे सकते हो।

सुरेश – शाम को मेरे घर आ जाना मैं फ्री रहता हूं।

प्रदीप – धन्यवाद मित्र शाम को मिलते हैं।

पिता-पुत्र के बीच पढाई को लेकर संवाद लेखन करिए।

पिता – पढ़ाई कैसी चल रही है बेटा ?

पुत्र – जी पिता जी पढ़ाई बिल्कुल बढ़िया चल रही है।

पिता – किसी विषय में कोई समस्या तो नहीं ?

पुत्र – नहीं पिताजी सभी विषय समझ आ रहा है।

पिता – परीक्षा में अच्छे अंक आ जाएंगे ?

पुत्र – हां पिताजी उम्मीद है बहुत अच्छे अंक आएंगे।

पिता – परीक्षा के बाद क्या करने का सोचा है ?

पुत्र – परीक्षा होने के बाद कंप्यूटर का कोर्स करने के लिए सोच रहा हूं ?

पिता – कंप्यूटर का कोर्स क्यों ?

पुत्र – क्योंकि कंप्यूटर आज की आवश्यकता है कंप्यूटर की जानकारी नौकरी के लिए भी चाहिए।

पिता – फिर तो अच्छा है।

पुत्र – जी पिताजी। कंप्यूटर कोर्स के बाद मुझे लैपटॉप दिला देना।

पिता – ठीक है मन लगाकर पढ़ाई करो दिला देंगे।

पुत्र – जी पिता जी धन्यवाद।

 

मां और बेटे के बीच संवाद

मां – बेटा तुम अपना काम समय पर क्यों नहीं करते ?

बेटा –  क्या हुआ मां आप गुस्सा क्यों हो रही हो ?

मां – तेरे स्कूल से रोज शिकायत आती है मैं सुन सुन के थक गई हूं।

बेटा – मां मैं काम करता हूं मगर थोड़ा लेट हो जाता हूं।

मां – कोई दिक्कत है तो बताता क्यों नहीं।

बेटा – नहीं मां कोई दिक्कत नहीं है बस काम ढेर सारा मिल जाता है इसलिए लेट हो जाता हूं।

मां – तो और बच्चे तेरे से पहले काम कैसे कर लेते हैं ?

बेटा – मां सभी बच्चे लेट काम करते हैं और शिकायत सभी की होती है।

मां – तो मैडम से क्यों नहीं कहता काम थोड़ा कम दिया करो ?

बेटा – कहते तो हैं मगर मैडम सुने तब ना स्कूल में भी काम करवाती हैं।

मां – तो प्रिंसिपल से शिकायत क्यों नहीं करता।

बेटा – क्योंकि हम लोग करेंगे तो हमारे नंबर मैडम काट लेंगी।

मां – ऐसी बात है तो कल मैं तेरे प्रिंसिपल से बात करूंगी।

बेटा – ठीक है ना आप बात कर लेना मगर अपने तरीके से।

मां – ठीक है बेटा कल तेरे पिताजी को भी स्कूल ले कर जाऊंगी।

बेटा – अच्छा मैं धन्यवाद।

कोरोना महामारी पर दो सहेली के बिच संवाद लेखन करिए

उर्वशी – कैसी हो मीना ?

मीना – मैं ठीक हूं तुम कैसी हो ?

उर्वशी – मैं भी ठीक हूं आजकल बीमारी से बहुत डर लग रहा है।

मीना – हां बीमारी भी तो इतनी बुरी फैली हुई है।

उर्वशी – तुम्हें पता है यह बीमारी कहां से उत्पन्न हुई ?

मीना – वैज्ञानिकों का मानना है कोरोना महामारी चाइना (चीन) से उत्पन्न हुई है।

उर्वशी – इसकी कोई दवाई या वैक्सीन निकली है ?

मीना – हां सुनने में आया है कई सारी कंपनियां वैक्सीन बना रही है।

उर्वशी – भगवान करे जल्दी से वैक्सीन आए और लोगों की जान बच सके।

मीना – इसीलिए डॉक्टर और सरकार घर पर रहकर काम करने के लिए कह रहे हैं।

उर्वशी – मगर घर पर भी कितने दिन रहा जा सकता है।

मीना – यह बात तो सही है मगर सतर्कता भी तो जरूरी है।

उर्वशी – लोगों के काम धंधे भी बंद हो गए हैं इस महामारी में।

मीना – बिल्कुल सही कहा काम धंधे तो बंद हो ही गए लोगों की और समय मृत्यु हो रही है यह दुखद है।

उर्वशी – चलो ठीक है घर पर रहकर सभी अपना ध्यान रखो।

मीना – तुम भी घर पर रहो और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखो।

उर्वशी – हां! अच्छा धन्यवाद

मीना – धन्यवाद।

माकन मालिक और किरायदार के बिच संवाद लिखिए।

माकन मालिक – राम-राम बंधु कैसे हो ?

किरायदार – राम-राम जी सब ईश्वर की कृपा है !

माकन मालिक – घर में सब बढ़िया तो है ?

किरायदार – जी हां सब बढ़िया है आप बताइए।

माकन मालिक – इस बार किराया लेट हो रहा है कोई खास कारण तो नहीं ?

किरायदार – बस तनख्वाह थोड़ी लेट हो गई इसलिए , जल्दी ही आपको किराया मिल जाएगा।

माकन मालिक – कोई बात नहीं दिक्कत है तो अगले महीने दे देना।

किरायदार – नहीं कोई दिक्कत नहीं बस तनखा लेट मिलेगी।

माकन मालिक – अच्छा कोई बात नहीं। और सब खैरियत है ना ?

किरायदार – बस सब खैरियत है ईश्वर की कृपा है।

 

ग्रामीण और शहरी युवक के बीच वार्तालाप का संवाद लेखन करिए

मोहन गांव में रहता है वह कुछ दिनों के लिए शहर में आया है। यहां उसका एक मित्र बन जाता है , जिसका नाम विक्की है इन दोनों के बीच की वार्तालाप निम्नलिखित है –

मोहन – नमस्कार मित्र कैसे हो

विक्की – नमस्कार मैं ठीक हूं तुम कैसे हो ?

मोहन – मैं ठीक हूं बस गांव के लोगों की याद आ रही है।

विक्की – क्यों भाई हम लोग बुरे हैं क्या ?

मोहन – नहीं मित्र ऐसी बात नहीं है बस उनसे लगाओ ज्यादा है इसलिए।

विक्की – गांव में कौन-कौन है तुम्हारे ?

मोहन – मां-पिताजी , दादा-दादी , चाचा-चाची पूरा संयुक्त परिवार है हम लोग एक साथ रहते हैं।

विक्की – अरे वाह यह सब तो गांव में ही देखने को मिलता है, शहर में तो सभी अलग-अलग रहते हैं।

मोहन – हां मित्र तभी मुझे यहां का वातावरण सहज नहीं लगता।

विक्की – मैं कभी गांव नहीं गया क्या तुम मुझे अपने गांव ले चलोगे।

मोहन – हां मित्र जब तुम चाहो मेरे गांव चल सकते हो। हमारे लिए तो अतिथि भगवान होते हैं।

विक्की – फिर ठीक है मैं तुम्हारे गांव साथ चलूंगा उससे पहले तुम्हें एक शर्त माननी पड़ेगी।

मोहन – कहो मित्र क्या शर्त है ?

विक्की – तुम्हें मेरे साथ एक दिन शहर की खास जगहों पर घूमना पड़ेगा।

मोहन – हा हा हा ठीक है मित्र तुम्हारी जैसी मर्जी

विक्की – ठीक है फिर रविवार को साथ मिलकर घूमने चलते हैं।

मोहन – अच्छा मित्र रविवार को मैं आपके साथ घूमने चलूंगा

विक्की – थैंक यू दोस्त

मोहन – इसके लिए आपका धन्यवाद।

 

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संवाद लेखन निष्कर्ष

उपरोक्त अध्ययन से हमने पाया दो तथा अधिक व्यक्तियों के बीच की बातचीत को संवाद कहा जाता है। जब हम उन संवादों को लिखते हैं तो संवाद लेखन कहा जाता है। आशा है उपरोक्त उदाहरणों के माध्यम से आप समझ पाए होंगे। यह प्रश्न दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों से पूछा जाता है। विद्यार्थी परीक्षा में इन प्रश्नों को छोड़ देते हैं , क्योंकि उन्हें लिखने की कला नहीं आती। इस कठिनाई स्तर को पहचान करते हुए उनके लिए सरल और व्यवस्थित रूप से संवाद लेखन यहां प्रस्तुत किया गया है।

अगर फिर भी किसी प्रकार की समस्या महसूस करते हैं तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर संपर्क कर सकते हैं। विद्यार्थियों की सहायता के लिए हम सदैव तत्पर रहते हैं। यथाशीघ्र आपको आपकी समस्या का हल बताया जाएगा।

3 thoughts on “संवाद लेखन की परिभाषा, उदाहरण ( Samvad lekhan )”

  1. Very good information on samvad lekhan topic. As a student of class 10, I must say I am totally satisfied.
    Thank you

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  2. Please also write other abhivyakti and madhyam topics such as
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