विसर्ग संधि की परिभाषा, पहचान, उदाहरण ( सम्पूर्ण ज्ञान )

इस लेख में हम विसर्ग संधि का विस्तृत रूप से अध्ययन करेंगे और यह किस प्रकार किया जाता है यह भी करना जानेंगे।

किसी दो के बीच के मेल को संधि कहते हैं। व्याकरण के अंतर्गत तीन प्रकार की संधि मानी गई है। स्वर संधि, व्यंजन संधि और विसर्ग संधि। इन सभी के अलग-अलग गुण हैं। यह लेख आपके परीक्षा के लिए कारगर है, इस लेख को सरल बनाने के लिए हमने विद्यार्थियों के कठिनाई स्तर की पहचान की थी और उसे सरलतम रूप देने का प्रयास किया है।

 विसर्ग संधि परिभाषा

विसर्ग (:) का मेल किसी व्यंजन या स्वर से होने पर विसर्ग में जो विकार या परिवर्तन आता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।

उदाहरण के लिए –

  • तपः + बल = तपोबल
  • मनः + योग = मनोयोग
  • मनः + हर = मनोहर
  • रजः + गुण = रजोगुण

1 विसर्ग का नियम (ओ)  – विसर्ग से पहले यदि ‘अ’ हो और उसका मेल ‘अ’ या किसी वर्ग के तीसरे चौथे या पांचवें वर्ण ग घ ड ज झ ञ् ड ढ ण द ध न ब भ म तथा य र ल व् श ह से हो तो विसर्ग का ‘ओ’ हो जाता है।

विसर्ग + अ = ओ मनः + अनुकूल मनोनुकूल
विसर्ग + ग = ओ अधः + गति अधोगति
रजः + गुण रजोगुण
विसर्ग + द = ओ पयः + द पयोद
विसर्ग + ध = ओ पयः + धर पयोधर
विसर्ग + ब = ओ तपः + बल तपोबल
विसर्ग + भ = ओ तपः + भूमि तपोभूमि
विसर्ग + य = ओ मनः + योग मनोयोग
विसर्ग + र = ओ मनः + रथ मनोरथ
विसर्ग + व = ओ वयः + वृद्ध वयोवृद्ध
विसर्ग + श = ओ यशः + धन यशोधन
विसर्ग + ह = ओ मनः + हर मनोहर
विसर्ग + ग = ओ तमः + गुण तमोगुण
विसर्ग + ब = ओ मनः + बल मनोबल
विसर्ग + र = ओ मनः + रंजन मनोरंजन

2 विसर्ग का नियम – विसर्ग से पहले ‘अ’ ‘आ’ को छोड़कर अन्य स्वर हो तथा विसर्ग का मेल किसी भी स्वर या किसी भी वर्ण के तीसरे चौथे पांचवें वर्ग ग घ ड ज झ ञ् ड ढ ण द ध न ब भ म तथा य र ल व् श ह से हो तो विसर्ग  ‘र’ हो जाता है जैसे –

विसर्ग + आ = र + आ = रा निः + आशा निराशा
विसर्ग + आ = र + आ = रा दुः + आशा दुराशा
विसर्ग + ज = र + ज = र्ज निः + जन निर्जन
विसर्ग + ज = र + ज = र्ज दुः + जन दुर्जन
विसर्ग + ज = र + ज = र्ज पुनः + जन्म पुनर्जन्म
विसर्ग + ग = र + ग = र्ग दुः + गुण दुर्गुण
विसर्ग + ग = र + ग = र्ग दुः + गम दुर्गम
विसर्ग + ध = र + ध = र्ध निः + धन निर्धन
विसर्ग + ध = र + ध = र्ध निः + धारण निर्धारण
विसर्ग + ब = र + ब = र्ब निः + बल निर्बल
विसर्ग + ब = र + ब = र्ब दुः + बल दुर्बल
विसर्ग + व = र + व = र्व निः + विकार निर्विकार
विसर्ग + व = र + व = र्व निः + विघ्न निर्विघ्नं
विसर्ग + व = र + व = र्व आशीः + वाद आशीर्वाद
विसर्ग + ल = र + ल = र्ल निः + लज्ज निर्लज्ज
विसर्ग + ल = र + ल = र्ल निः + लोभ निर्लोभ
विसर्ग + ल = र + ल = र्ल निः + लिप्त निर्लिप्त
विसर्ग + म = र + म = र्म बहिः + मुख बहिर्मुख

3 विसर्ग का नियम – विसर्ग के बाद यदि च, छ, हो तो विसर्ग का श हो जाता है जैसे –

विसर्ग + श = श्च निः + चल निश्चल
निः + चय निश्चय
निः + चिंत निश्चिंत
दुः + चरित्र दुश्चरित्र
दुः + चक्र दुष्चक्र
विसर्ग + छ = च्छ निः + छल निश्चल

4 विसर्ग का नियम – विसर्ग के पहले इ, उ हो तो विसर्ग का मेल क ख ट ठ प या से हो तो विसर्ग का रूप में परिवर्तन हो जाता है जैसे –

विसर्ग + च = श्च निः + चल निश्चल
निः + चय निश्चय
विसर्ग + क = ष्क दुः + कर्म दुष्कर्म
दुः + क्र दुष्कर
निः + कपट निष्कपट
निः + कंटक निष्कंटक
निः + कलंक निष्कलंक
विसर्ग + ट = ष्ट धनुः + टंकार धनुष्टंकार
विसर्ग + ठ = ष्ठ निः + ठुर निष्ठुर
विसर्ग + प् = ष्प निः + प्राण निष्ठान
निः + पाप निष्पाप
चतुः + पाद चतुष्पाद
दुः + परिणाम दुष्परिणाम
विसर्ग + फ् = ष्फ निः + फल निष्फल

5 विसर्ग का नियम – विसर्ग के बाद यदि त, थ हो तो विसर्ग ‘स’ हो जाता है

जैसे –

दुः + तर दुस्तर
मनः + ताप मनस्ताप
निः + तेज निस्तेज
नमः + ते नमस्ते
मनः + थल मनस्थल

6 विसर्ग का नियम – विसर्ग के बाद श ष स हो तो विस्तार के बाद आने वाले व्यंजन का दिवत्व हो जाता है और विसर्ग का लोप  हो जाता है जैसे –

दुः + शासन दुशासन
दुः + साहस दुस्साहस
निः + संग निस्संग
दुः + सह दुस्सह
निः + संतान निस्संतान
निः + संदेह निस्संदेह

7 विसर्ग का नियम – विसर्ग से पहले अथवा होत और विसर्ग के बाद कोई भी स्वर हो तो विसर्ग का लोप हो जाता है जैसे

  • अतः + एव अतएव

8 विसर्ग का नियम – पूर्व स्वर दीर्घ और विसर्ग का लोप – यदि विसर्ग के बाद ‘र’ हो तो विसर्ग का लोप हो जाता है और विसर्ग से पूर्व स्वर दीर्घ हो जाता है जैसे –

निः + रोग निरोग
निः + रव नीरव
निः + रज नीरज
निः + रस नीरज

9 विसर्ग में परिवर्तन ना होना यदि विसर्ग के पूर्व अ और बाद में क या प हो तो विसर्ग में कोई परिवर्तन नहीं होता जैसे –

  • प्रातः + काल = प्रातः काल
  • अंतः + करण = अंतः करण

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निष्कर्ष

उपरोक्त लेख में हमने विसर्ग संधि की परिभाषा, उदाहरण और भेद का विस्तृत रूप से अध्ययन किया है। प्रत्येक अक्षर से शब्दों में परिवर्तन किस प्रकार उत्पन्न होता है इसका भी हमने उदाहरण सहित अध्ययन किया है।

आशा है यह देख आपको पसंद आया हो, आपके ज्ञान की वृद्धि हो सकी हो। संबंधित विषय से प्रश्न पूछने के लिए कमेंट बॉक्स में लिखें हम आपके प्रश्नों के उत्तर तत्काल देने का प्रयत्न करेंगे।

(कंप्यूटर की भाषा में हिंदी की कुछ मात्राओं को लिखना कठिन होता है, हो सकता है इस लेख में भी आपको उन मात्राओं की कमी दिखे। इस कमी को हमें बताने का प्रयत्न करें हम अवश्य सुधार करेंगे )

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