विशेषोक्ति अलंकार की परिभाषा, पहचान और उदाहरण

इस लेख में हम विशेषोक्ति अलंकार की परिभाषा, पहचान और उदाहरण विस्तार पूर्वक अध्ययन करेंगे। इस लेख को सरल बनाने के लिए हमने विशेष रूप से उदाहरणों का सहारा लिया है ,जिससे आप आसानी से समझ सकते हैं।

इस लेख का अध्ययन आप सभी प्रकार की परीक्षाओं के लिए कर सकते हैं।

अलंकार का खास गुण है काव्य के सौंदर्य की वृद्धि करना। जिस प्रकार स्त्री अपने रूप को निखारने के लिए आभूषणों का प्रयोग करती हैं ,ठीक उसी प्रकार काव्य में सौंदर्य की वृद्धि के लिए अलंकारों का प्रयोग किया जाता है।

अलंकार में सौंदर्य वृद्धि के अतिरिक्त रोचकता उत्पन्न करने की शक्ति भी होती है।

यह काव्य में प्रयुक्त होकर काव्य के सौंदर्य वृद्धि के साथ चमत्कार उत्पन्न करने की भी क्षमता रखते हैं।

विशेषोक्ति अलंकार की परिभाषा

कारण के उपस्थित होने पर भी कार्य ना होने की दशा में विशेषोक्ति अलंकार माना जाता है। जैसे –‘नीर भरे निसिदिन रहें तऊ न प्यास बुझय।’

इस पंक्ति में प्यास बुझाने का कारण नीर उपस्थित है पर प्यास बुझाने का कार्य नहीं हो पा रहा है। अतः यहां विशेषोक्ति अलंकार है।

विशेषोक्ति अलंकार के उदाहरण

उदहारण व्याख्या
पानी बिच मीन पियासी। पानी के बीच रहकर मछली का प्यासा रहना विशेषोक्ति है
देखो दो-दो मेघ बरसते मैं प्यासी की प्यासी। मेघ के बरसने पर भी प्यास का ना बुझना
लागन उर उपदेश जदपि कहियो सिव बार बहु। शिव अर्थात देवता के समझाने पर भी जो नहीं समझ पा रहा है उसे समझाना कठिन है।

अन्य उदाहरण

1  सेहो मधुर बोल स्रवहिं सुनल स्रुति पथ परस न गेल।

मधुर वचन सुनकर भी कान की तृप्ति नहीं हो रही है जिसे सुनने के लिए नायिका रास्ते पर खड़ी इंतजार कर रही है।

2 नयन न तिरपित भेल।  

नायक को सामने देखकर भी नायिका की नैन तृप्ति नहीं हो रही है ,जिसे वह एक टक निरंतर देखना चाह रही है।

3 देवता प्रसिद्ध रिजिराज तपवृद्ध कहि कहि हारे सब कहि न काहू लई।

 

विभावना और विशेषोक्ति अलंकार में अंतर

इन दोनों अलंकारों में मतलब की विभावना अलंकार तथा विशेषोक्ति अलंकार में काफी अंतर है।

विभावना अलंकार के अंतर्गत जहां कार्य होने की संभावना नहीं होती है वहां भी कार्य होता प्रतीत होता है। वही विशेषोक्ति में कारण उपस्थित होने पर भी कार्य अधूरा रह जाता है अर्थात पूरा नहीं होता है।

यही दोनों अलंकारों के बीच भेद उत्पन्न करता है।

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अलंकार की परिभाषा, भेद, और उदाहरण

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निष्कर्ष

उपरोक्त अध्ययन से स्पष्ट होता है कि जहां कारण उपस्थित हो अर्थात जिससे उसकी आवश्यकता की पूर्ति हो सके ,वह उपस्थित होने पर भी उसका कार्य अधूरा रह रहा हो वहां विशेषोक्ति अलंकार सिद्ध होता है।

जैसे -मछली का जल के बीच रहकर भी प्यासा रह जाना यह विशेषोक्ति अलंकार का एक सटीक उदाहरण है।

इसके बाद हमने यह भी जाना कि विभावना तथा विशेषोक्ति में क्या अंतर होता है और इसको हम कैसे आसानी से समझ सकते हैं उदाहरण के साथ।

आशा है यह लेख आपको पसंद आया हो, आपके ज्ञान की वृद्धि हो सकी हो तथा संबंधित विषय में आपकी रूचि बढ़ी हो। अपने प्रश्नों को पूछने के लिए कमेंट बॉक्स में लिखें,यथाशीघ्र हम आपके प्रश्नों के उत्तर उपलब्ध कराएंगे।

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