व्यक्तिवाचक संज्ञा ( परिभाषा, उदाहरण, भेद ) की पूरी जानकारी

इस लेख में व्यक्तिवाचक संज्ञा की परिभाषा, उदाहरण, भेद आदि को विस्तार पूर्वक समझने का प्रयास करेंगे। यह लेख व्यक्तिवाचक संज्ञा की समस्त जानकारी उपलब्ध कराता है।

इसके अध्ययन से आप इस संज्ञा को बखूबी जान सकेंगे और प्रयोग करना सीख सकेंगे।

इतना ही नहीं अध्ययन के उपरांत आप स्वयं ही शब्दों का निर्माण कर वाक्यों में प्रयोग करने लगेंगे।

व्यक्तिवाचक संज्ञा

संज्ञा के प्रमुख तीन भेद है जिसमें व्यक्तिवाचक संज्ञा का पहला स्थान है। इसके अंतर्गत – व्यक्ति , स्थान , प्राणी आदि का बोध किया जाता है।

परिभाषा:- जिस संज्ञा शब्द से किसी व्यक्ति , प्राणी , स्थान , वस्तु आदि का ज्ञान होता है , या बोध होता है उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।

जैसे

स्वामी विवेकानंद , अहिल्याबाई , महात्मा गांधी , सरदार वल्लभभाई पटेल ,( व्यक्ति विशेष के नाम है )

दिल्ली , मुंबई , कानपुर , कोलकाता , मद्रास , चेन्नई ( स्थानों के नाम है )

गंगा , यमुना , कावेरी , गोदावरी , नर्मदा ( नदियों के नाम है )

भारत , अमेरिका , रसिया , चाइना , जापान , ब्रिटेन ( देशों के नाम है )

हिमालय , अरावली , विंध्याचल , रॉकी , ( पर्वत के नाम है )

व्यक्तिवाचक संज्ञा का वाक्य में प्रयोग

1. गंगा भारत की प्रमुख नदी है।

2. दिल्ली भारत की राजधानी है।

3. हिमालय भारत की सबसे बड़ी पर्वत श्रृंखला है

4. स्वामी विवेकानंद युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं

5. महात्मा गांधी ने अंग्रेजो को मार भगाया

6. सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत को एक सूत्र में बांधा

7. कल मैं कोलकाता जा रहा हूं

8. अहिल्याबाई ने स्त्री शिक्षा का समर्थन किया

9. संकल्प फुटबॉल खेलता है

10. राम मेरा मित्र है

11. मैथली शरण गुप्त एक लेखक हैं

12. मैसी फुटबॉल के महान खिलाडी हैं

13. सौरव गांगुली भारत के सबसे अच्छे बल्लेबाज हैं

14. सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ है

15. प्रेमचंद हिंदी में उपन्यास लिखते हैं।

व्यक्तिवाचक संज्ञा का जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग

कुछ ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न होती है , जिसमें महान तथा प्रसिद्ध लोगों के कार्यों को पूरे समाज की ओर संकेत किया जाता है।

हरिश्चंद्र – सत्य निष्ठा का प्रतीक है।

जयचंद , छल का प्रतीक है।

वही विभीषण , भेद बताने का प्रतीक है।

इसका वाक्य में प्रयोग करते हुए जातिवाचक की ओर संकेत किया जाता है।

जैसे – समाज में जयचंदों की कमी नहीं है।

निश्चित रूप से जयचंद एक व्यक्ति का नाम था , किंतु यहां समाज के साथ जुड़ने के कारण यह जाति सूचक शब्द बन गया है।

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निष्कर्ष –

उपर्युक्त लेख के अध्ययन से स्पष्ट होता है कि व्यक्तिवाचक संज्ञा के अंतर्गत केवल व्यक्ति , वस्तु , प्राणी आदि का बोध कराने वाले शब्दों को ही व्यक्तिवाचक संज्ञा माना गया है – श्याम , गंगा , दिल्ली आदि।

आशा है आपने इस संज्ञा के संपूर्ण रूप को आसानी से समझा होगा और अपने ज्ञान को बढ़ाया होगा। संबंधित विषय से किसी भी प्रकार के प्रश्न के लिए आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर संपर्क कर सकते हैं।

2 thoughts on “व्यक्तिवाचक संज्ञा ( परिभाषा, उदाहरण, भेद ) की पूरी जानकारी”

    • आशा है आपको यह टॉपिक अच्छे से समझ में आ गया होगा, अगर आपको अन्य किसी विषय में समस्या है तब भी आप यहां पर पूछ सकते हैं।

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