प्रस्तुत लेख में हम ध्वनि प्रदूषण से संबंधित विभिन्न प्रकार के पत्र का अध्ययन करेंगे,पत्र के प्रारूप को समझेंगे, इस लेख के अध्ययन से आप विभिन्न प्रकार के पत्र स्वयं लिखने में सक्षम हो सकेंगे।
पत्र के माध्यम से व्यक्ति
- अपने विचार, सुझाव या शिकायत दायित्ववान अधिकारी तक पहुंचा पाता है।
- इसका प्रयोग पहले सूचनाओं के आदान-प्रदान हेतु सगे-संबंधी, मित्र आदि के लिए भी किया जाता था।
- आज पत्र का प्रयोग कार्यालय तक सिमट कर रह गया है।
हिंदी व्याकरण के अंतर्गत पत्र लेखन का विषय आता है, जहां संभवत 5 से 10 अंक निश्चित होते हैं।
ध्वनि प्रदूषण की समस्या के लिए संपादक को पत्र
प्रश्न – दिल्ली में बढ़ती ध्वनि प्रदूषण की समस्या के कारण वह इससे उत्पन्न परेशानियों का उल्लेख करते हुए किसी दैनिक समाचार पत्र के संपादक के नाम पत्र लिखिए।
उत्तर
दिनांक 23 मई 2021
सेवा में
संपादक महोदय
राष्ट्रीय जागरण
त्रिमूर्ति रोड दिल्ली 11001
विषय- दिल्ली शहर में बढ़ती ध्वनि प्रदूषण की गंभीर समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करने और समस्या समाधान के लिए अपेक्षा हेतु पत्र।
महोदय
महोदय मैं विशाल लाजपत नगर दिल्ली का निवासी हूं, यह शहर के व्यस्त क्षेत्र में से एक है यहां का मुख्य चौराहा सदैव गाड़ियों के जाम से भरा रहता है। सुबह-शाम तो यहां ट्रैफिक जाम की समस्या आम हो गई है। लोग यहां से ऑफिस निकलने से पहले घबराते हैं क्योंकि घंटों का जाम यहां हमेशा मिलता ही है। आश्चर्य की बात यह है कि छुट्टी वाले दिन भी इस चौराहे की समस्या कभी खत्म नहीं होती। जाम के कारण गाड़ियां आसपास की कालोनियों में भी चली आती है, इस कारण कालोनियों में भी जाम की समस्या बनी रहती है। जाम होने के कारण गाड़ी के होरन हमेशा बचते रहते हैं जिससे पूरे शहर में कोहराम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है ध्वनि प्रदूषण के कारण यहां के समस्त क्षेत्रवासी त्रस्त है विशेषकर पढ़ने वाले विद्यार्थी और बुजुर्ग लोग।
इससे संबंधित एक और समस्या हमेशा बनी रहती है लाजपत नगर में अनेकों अवैध रूप से शादी के लिए बैंकट हॉल बना दिए गए हैं, जिनमें हमेशा उच्च ध्वनि के होरन बजाए जाते हैं जो किसी भी दृष्टि से स्वीकार्य नहीं है। इन समारोह में डीजे के साथ-साथ प्रेशर होरन का भी प्रयोग किया जाता है जो हृदय के रोगियों के लिए घातक है, इससे आए दिन समस्या और झगड़ा देखने को मिलता है।
इस समस्या के निमित्त प्रशासन तथा आसपास काम कर रही कमेटी से भी बातचीत कई वर्षों से की जा रही है किंतु इस समस्या के प्रति कोई गंभीर निर्णय लेने को तैयार नहीं है। यह समस्या इतनी जटिल हो गई है कि यहां के निवासी बेहतर भविष्य के लिए पलायन करने को मजबूर हैं। संपादक महोदय से निवेदन है इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए अपने समाचार के पृष्ठ पर मुख्य रूप से प्राथमिकता दें और आसपास के प्रशासन का ध्यान आकर्षित करें ताकि लाजपत नगर के निवासी यहां आराम से रह सके बुजुर्गों को एक स्वच्छ प्रदूषण रहित वातावरण मिल सके।
धन्यवाद
सहयोगाकांक्षी
विशाल
B1 लाजपत नगर
दिल्ली 11001
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लेखक के शब्द
उपरोक्त प्रार्थना पत्र से आपने पत्र लेखन का प्रारूप समझ लिया होगा।
स्वयं के विवेक से इस प्रकार का पत्र आप अपनी परीक्षा के लिए या फिर अपनी समस्या के लिए किसी अधिकारी को लिख सकते हैं। इसी प्रारूप का प्रयोग आप अन्य प्रकार के पत्र लिखने में भी कर सकते हैं।