क्रिया विशेषण की परिभाषा, भेद, और उदाहरण

आज के लेख में हम क्रिया विशेषण की परिभाषा, भेद, और उदाहरण का विस्तृत रूप से अध्ययन करेंगे और सूक्ष्मता से जानकारी हासिल करेंगे।

यह लेख सभी प्रकार की परीक्षाओं के लिए कारगर है। अतः आप अपने परीक्षा के लिए इस लेख का अध्ययन कर सकते हैं।

क्रिया विशेषण

क्रियाविशेषण हिंदी व्याकरण के अंतर्गत अध्ययन किया जाता है।

परिभषा:- क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्दों को क्रिया विशेषण कहते हैं, इसके अंतर्गत क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्द होते हैं ,जिसके माध्यम से क्रिया की विशेषता का पता चलता है। जैसे -अंदर, बाहर, आज, कल, कम, थोड़ा, धीरे, तेज आदि।

उदाहरण:-

राधा अच्छा गाती है (रितिवाचक)

अभी विद्यालय दूर है (स्थान वाचक)

दीपावली पास आ रही है। (समय वाचक)

उसे भी थोड़ा सोचने दो (परिमाण वाचक)

उपर्युक्त गाढ़े काले शब्द रीति, स्थान, समय, परिमाण आदि को बता कर उसकी विशेषता प्रकट कर रहे हैं,अतः यहां क्रिया विशेषण होगा।

क्रिया के साथ कहां, कब, कैसे, कितना आदि लगाकर प्रश्न करने पर जो अविकारी शब्द उत्तर में आते हैं वह क्रियाविशेषण होते हैं।

जैसे –

  • रमा कहां गई ? – अंदर,बाहर,ऊपर,नीचे,आगे,पीछे (स्थान वाचक)
  • सोहन कितना बोलता है ? ज्यादा,थोड़ा,कम,बहुत (परिणाम वाचक)
  • राधा कब आएगी ? आज,कल,अभी,तुरंत (समय वाचक)
  • आप कैसे चलते हो ? धीरे-धीरे,तेज (रितिवाचक)

क्रिया विशेषण के भेद

क्रिया विशेषण के चार प्रमुख भेद है १ रीतिवाचक २ स्थान वाचक ३ कालवाचक ४ परिमाणवाचक

1. रीतिवाचक क्रिया विशेषण (Adverb Of Manner)

जो क्रियाविशेषण आकार, प्रकार, कारण, स्वीकृति, निश्चय, निषेध आदि का बोध कराते हो, उन्हें रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं

रीतिवाचक क्रियाविशेषण की संख्या अनगिनत है। इनका प्रयोग मुख्य रूप से निम्नलिखित अर्थों में किया जाता है कुछ उदाहरण –

  • प्रकार के अर्थ में – यथाशक्ति,धीरे-धीरे,सहसा,अचानक,अकस्मात,आप ही आप,एकाएक आदि।
  • निश्चय के अर्थ में – अवश्य,बेशक,निसंदेह,दरअसल,सचमुच,यथार्थ में,जरूर आदि।
  • अनिश्चय के अर्थ में – कदाचित,संभवतः , यथासंभव,शायद,बहुत करके,मुमकिन है आदि।
  • स्वीकार के अर्थ में – हां,जी,ठीक,अच्छा,बिल्कुल,ठीक,सच,जरूर आदि।
  • कारण के अर्थ में – अतः,क्योंकि,अतएव,के निमित्त,के उद्देश्य से,किसलिए आदि।
  • निषेध के अर्थ में – मत,नहीं,ना,न आदि
  • प्रश्न के अर्थ में – क्यों,कैसे,कहां,कब आदि।

2. स्थान वाचक क्रिया विशेषण (Adverb Of Place)

क्रिया के होने के स्थान का बोध कराने वाले क्रियाविशेषण स्थानवाचक क्रिया विशेषण कहे जाते हैं।

स्थान वाचक क्रियाविशेषण दो प्रकार के हैं –

  1. स्थिति वाचक – आगे,पीछे,ऊपर,नीचे,जहां,वहां,बाहर,भीतर,आमने,सामने,साथ,सर्वत्र,अन्यत्र,यत्र,तत्र आदि।
  2. दिशा वाचक – इधर,उधर,उस और,सामने,चारों ओर,किधर आदि।

3. कालवाचक क्रिया विशेषण (Adverb Of Time)

जिस क्रियाविशेषण से क्रिया के होने का समय पता चले वह कालवाचक क्रिया विशेषण कहा जाता है।

  • समयवाचक – आज,कल,परसो,अभी,सवेरे,शाम को,जब तक,कब,अब,दोपहर,पहले,पीछे आदि।
  • अवधिवाचक – हमेशा,शाम तक,साल भर,दिन भर,रात भर,निरंतर,कभी-कभी आदि।
  • पुनः पुनः वाचक – हर समय,कई बार,घड़ी-घड़ी, बहुधा,प्रतिदिन आदि।

4. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण (Adverb Of Quantity)

जो शब्द क्रिया की मात्रा या परिमाण का ज्ञान कराते हैं,उन शब्दों को परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं। यह पांच प्रकार के माने गए हैं –

  1. अधिकतम वाचक – अत्यंत,अधिक,बहुत,खूब,भारी,बिल्कुल आदि।
  2. न्यूनता वाचक – जरा,प्रायः ,तनिक,कम,कुछ,थोड़ा आदि।
  3. तुलना वाचक – अधिक से अधिक,उतना, जितना, कितना, कम से कम, बढ़कर आदि
  4. श्रेणी वाचक – क्रमः, एक-एक करके, थोड़ा-थोड़ा, तिल तिल करके आदि
  5. पर्याप्त वाचक – काफी,ठीक,बस,केवल आदि।

परिमाणवाचक विशेषण तथा परिमाणवाचक क्रियाविशेषण में अंतर

कुछ ऐसे शब्द जिनका प्रयोग परिमाणवाचक विशेषण तथा परिमाणवाचक क्रियाविशेषण दोनों के रूप में होता है। परंतु इसमें अंतर है जब यह शब्द संज्ञा या सर्वनाम पदों की मात्रा या नापतोल बताते हैं तब परिमाणवाचक विशेषण होते हैं।

परंतु जब क्रिया का नाप तोल बताते हैं उस समय परिमाणवाचक क्रिया विशेषण होते हैं जैसे –

परिमाणवाचक विशेषण परिमाणवाचक क्रिया विशेषण
थोड़ा पानी देना थोड़ा ज्यादा खाया-पिया करो।
विद्यालय कम बच्चे आए थे कम रोया करो
खूब पानी पियो खूब खाओ,खूब खेलो

क्रिया विशेषण की पहचान

  • स्थान वाचक – क्रिया के साथ कहां लगाकर प्रश्न करने पर स्थान वाचक क्रियाविशेषण उत्तर में आता है।

जैसे – कहां सोया था ?

उत्तर – ऊपर,निचे (स्थानवाचक)

  • रीतिवाचक – क्रिया के साथ कैसे लगाकर प्रश्न करने पर रीति वाचक क्रियाविशेषण उत्तर में आता है।

जैसे – कैसे आया था ?

उत्तर -धीरे-धीरे (रितिवाचक)

  • कालवाचक – क्रिया के साथ कब लगाकर प्रश्न करने पर क्रियाविशेषण उत्तर में आता है।

जैसे – कब गया था ?

उत्तर – कल,परसों (कालवाचक)

  • परिमाणवाचक – क्रियाविशेषण के साथ कितना लगाकर प्रश्न करने पर परिमाणवाचक क्रियाविशेषण उत्तर में आता है।

जैसे – कितनी वर्षा हुई ?

उत्तर -अधिक,कम (परिमाणवाचक)

क्रिया विशेषण से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

1 प्रश्न – क्रिया विशेषण किसे कहते हैं ?उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।

उत्तर –क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्दों को क्रियाविशेषण कहते हैं। जैसे –

  • उसे थोड़ा सोचने दो।
  • उसे अधिक मेहनत करने दो।

यहां ‘अधिक’ और ‘थोड़ा’ क्रिया  की विशेषता बता रहे हैं। अतः यह क्रियाविशेषण है।

2 प्रश्न – क्रिया विशेषण के कितने भेद हैं ? प्रत्येक के दो-दो उदाहरण दीजिए।

उत्तर – क्रियाविशेषण के प्रमुख चार भेद हैं।

  • रीतिवाचक क्रियाविशेषण – यथासंभव कार्य करते रहे , धीरे-धीरे किसी भी कार्य को करना चाहिए।
  • स्थान वाचक क्रियाविशेषण – उस दिशा में आगे बढ़ते रहो जिसमें खतरा ना हो , बाहर जाकर खड़े रहो।
  • काल वाचक क्रियाविशेषण – शाम से पहले तुम्हें अवश्य आना होगा , साल भर तुम्हें मेहनत करनी होगी।
  • परिमाणवाचक क्रियाविशेषण – थोड़ा ज्यादा प्रयास करोगे तो सफलता ज्यादा मिलेगी , अपने काम के साथ कुछ और काम को शामिल करो।

3 प्रश्न – परिमाणवाचक विशेषण और परिमाणवाचक क्रियाविशेषण का अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – जब कोई शब्द सर्वनाम या संज्ञा के साथ नाप-तोल बताते हैं तो वह परिमाणवाचक विशेषण होता है। वही क्रिया के साथ जुड़कर नाप-तोल आदि को बताते हैं तो वह परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहलाता है। जैसे –

  • थोड़ा दूध देना (परिमाणवाचक विशेषण)
  • थोड़ा खेल भी लिया करो (परिमाणवाचक क्रिया विशेषण)

 

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निष्कर्ष

उपरोक्त अध्ययन से स्पष्ट होता है कि क्रिया विशेषण का मुख्य लक्षण क्रिया की विशेषता बताना होता है। इसके अंतर्गत हमने परिभाषा,उदाहरण है आदि से समझने का प्रयास किया है।

आशा है आपको यह लेख पसंद आया हो तथा आपके समझ की वृद्धि हो सकी हो।

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