india 10 lines in hindi अपने देश भारत पर कुछ पंक्तियाँ

भारत युवा राष्ट्र कहा जाता है, यहां युवा की संख्या ज्यादा है जो अधिकतर शिक्षित है कर्मठ कर्मशील है। आज भारत ने अपनी पहचान वैश्विक स्तर पर साबित किया है। कोई ऐसा देश नहीं होगा जहां भारतीय ना हो इतना ही नहीं वह शीर्ष पर कार्य भी करते हैं। कई ऐसे दिग्गज नेता हैं जो बड़े-बड़े राष्ट्रों का नेतृत्व भी कर रहे हैं। हाल ही में ब्रिटेन के राष्ट्रपति सुनक निर्वाचित हुए जो भारतीय मूल के हैं। ऐसे ही व्हाइट हाउस के दिग्गज नेताओं में भारतीय शामिल है।

भारत अपनी छवि और मानवीय मूल्यों के लिए जाना जाता है इसलिए हर जगह भारतीयों का सम्मान किया जाता है। निम्नलिखित कुछ पंक्तियां भारत राष्ट्र को समर्पित जो भारतीयों को गौरवान्वित करती है।

India 10 Lines in Hindi

1. भारत देश अपनी सभ्यता संस्कृति और मानवीय मूल्यों के लिए जाना जाता है।

2. भारत को पूर्व समय में सोने की चिड़िया कहा जाता था। यहां का आतिथ्य आरंभ समय से ही विश्व प्रसिद्ध है जिसके प्रभाव से विदेशी भारत आते रहे और यहां के संसाधनों का उपयोग किया।

3. भारत शायद एकमात्र ऐसा देश है जहां सभी प्रकार की ऋतुओं का आनंद लिया जा सकता है।

4. भारत युवा राष्ट्र है यहां के युवा दिन-प्रतिदिन अपनी प्रतिभा से देश का नाम रोशन कर रहे हैं।

5. जिस देश की जनता युवा होती है उस देश की उन्नति निश्चित ही संभव होती है। भारत युवा देश में शुमार है यहां की उन्नति दिन-प्रतिदिन गुणात्मक रूप से हो रही है।

6. भारतीय गांव आज भी अपनी परंपराओं का निर्वहन कर रहे हैं जहां आनंद ईमानदारी और निस्वार्थ भाव देखा जा सकता है।

7. संचार क्रांति ने भारत को शिक्षा, विज्ञान आदि में उन्नति का मार्ग दिखाया है। युवा आज संचार के माध्यम से अनेकों प्रकार के रोजगार तथा विभिन्न प्रकार की संभावनाओं की तलाश करते हुए कार्य कर रहे हैं।

8. भारतीय शिक्षा व्यवस्था अब वैश्विक स्तर की हो गई है जिसके कारण इसरो जैसे बड़े संस्थान में भारतीय मूल के वैज्ञानिक कार्य करते हैं।

9. विज्ञान की दृष्टि में भारत अब निरंतर उन्नति कर रहा है यहां की बनी हुई सेटेलाइट, मिसाइल तथा अन्य तकनीकी संसाधन विदेश में बढ़ती मांग भारत की उन्नति की पुष्टि करता है।

10. तकनीक के माध्यम से भारत ने अपने हर वर्ग को उन्नति का अवसर दिया है। सरकारों ने तकनीक का उचित दिशा में प्रयोग कर भ्रष्टाचार मुक्त समाज की नींव रखी है तथा सबका साथ सबका विकास की भावना से कार्य किया है।

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समापन

भारत ने सिंधु घाटी सभ्यता तथा हड़प्पा सभ्यता को देखा है इसकी सभ्यताएं मान्य। यहां की उन्नति और धनसंपदा का प्रचार विदेशों में भी था। यही कारण है कि भारत में अनेकों विदेशी आए जिन्होंने यहां की धनसंपदा का अपने मुनाफे के लिए प्रयोग किया भारत में तक्षशिला नालंदा जैसे विश्वविद्यालय हुआ करते थे जहां देश विदेश से विद्यार्थी अध्ययन कार्य करने के लिए आते थे। यहां के द्वारपाल भी संस्कृत में वार्तालाप किया करते थे जिसका वर्णन विदेशी साहित्य में भी देखने को मिलता है। ऐसा समृद्ध और शक्तिशाली राष्ट्र जब किसी वैश्विक स्तर पर उभरकर आता है तो इसके साथ बुरी दृष्टि भी कार्य करती है। कई हमलो को भारत ने सहा और उस पर विजय प्राप्त की। आपसी वैमनस्य और द्वेष की भावना ने भारत को लूटने से नहीं बचा पाया।

भारत को दिन-प्रतिदिन विदेशी ताकतों ने खोखला किया यहां के राजशाही परिवार अपने स्वार्थ पूर्ति के लिए भोली-भाली जनता को उन शक्तियों से नहीं बचा पाई। भारत कृषि प्रधान देश आरंभ से ही रहा है यहां की अधिकतर जनता गांव में निवास करती थी, जहां दूर से दूर की घटनाओं से उन्हें कोई मतलब नहीं हुआ करता था। यह जनता अपने राजा और उसके राज्य को ही अपना देश मानती थी और उसके प्रति अपनी ईमानदारी तथा निष्ठा रखा करती थी।

विदेशी क्रम में अंग्रेज आए और अंग्रेजों ने यहां अपनी जड़ें मजबूत की। यहां की धनसंपदा पर अपना आधिपत्य किया कंपनी राज्य ने दोनों हाथ से यहां के दुर्लभ संसाधनों को अपने तिजोरिया भरने का कार्य किया। मुगल तथा अन्य लुटेरे भी भारत आए और समय-समय पर यहां के सोने-चांदी तथा बहुमूल्य रत्नों को लूट कर ले गए।

आधुनिक भारत ने उन सभी जख्मों को बुलाकर उन्नति का मार्ग अपनाया। आज भारत दिन-प्रतिदिन वैश्विक स्तर पर उन्नति कर रहा है। अपना परचम हर क्षेत्र में लहरा रहा है। आज पुनः भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर हो रहा है। अगर यहां की जनता सच्ची निष्ठा और ईमानदारी के साथ जन भागीदारी सुनिश्चित करें तो भारत निश्चित ही कुछ समय में विश्व गुरु तथा सोने की चिड़िया बन सकता है।

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