पर्यायवाची शब्द संग्रह उदाहरण सहित पूरी जानकारी

आज के लेख में हम पर्यायवाची शब्द संग्रह का संकलन कर रहे हैं। यह लेख विद्यालय,विश्वविद्यालय तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कारगर है। इसका अनुभव आपको आपके परीक्षा में सर्वाधिक अंक दिला सकता है।

हमने उन सभी समानार्थी/पर्यायवाची शब्दों को सम्मिलित किया है जो परीक्षाओं में अधिकतर पूछे जाते हैं।

पर्यायवाची शब्द हिंदी व्याकरण का एक अंग है ,जिसका अर्थ है समान अर्थ की प्रतीति करवाना। यह शब्द वाक्य में अनेक-अनेक नामों से भी लिखे जाते हैं। जिनका मुख्य उद्देश्य शब्दों के साथ-साथ वाक्यों की सौंदर्य  वृद्धि करना होता है। यह समान अर्थ तो देते ही हैं साथ ही शब्दों के प्रयोग से वाक्य की सुंदरता भी बढ़ती है।

पर्यायवाची शब्द किसे कहते हैं / समानार्थी शब्द किसे कहते हैं

जो शब्द अर्थ की दृष्टि से समान होते हैं उन्हें पर्यायवाची या समानार्थी शब्द कहते हैं। जैसे जल का समानार्थी या पर्यायवाची पानी,नीर है। यह वाक्यों में समय तथा विषय के अनुकूल प्रयोग में लाए जाते हैं,जिन का अर्थ समान होता है।

पर्यायवाची शब्द संग्रह

अंधकार – अंधेरा, तम, तिमिर, तिमिश्र

अग्नि – दहक, अनल, पावक, आग

अमृत – सुधा, सोम, अमिय, पीयूष

अश्व – तूरंग, वाजी, हय, घोड़ा

असुर – दानव, दैत्य, निशाचर, राक्षस

अहंकार – दर्प, अभिमान, घमंड, दंभ

अतिथि – मेहमान, आगंतुक, पाहुन, अभ्यागत

आंख – नयन, नेत्र, लोचन, चक्षु

आकाश – नभ, गगन, व्योम, अंबर

आभूषण- गहना, अलंकार, जेवर, भूषण

आनंद – हर्ष, उल्लास, आमोद, प्रमोद

इंद्र – देवेंद्र, देवेश, सुरपति, सुरेंद्र

इच्छा- अभिलाषा, चाह , साध, कामना

ईश्वर – भगवान, जगदीश, परमेश्वर, परमात्मा

उन्नति – विकास, प्रगति, उत्थान, उत्कर्ष

उपवन – बाग, बगीचा, वाटिका, उद्यान

उपेक्षा- अवहेलना, अनादर, फटकार, तिरस्कार

कमल-नीरज, पंकज, जगत, अंबुज

कपड़ा – वस्त्र, वसन, अंबर, पट

कामदेव – मदन, मनोज, काम, मनसीज

किनारा – तट, तीर, कूल, कगार

किरण- अंशु,रश्मि, मरीचि, कर

कृष्ण – श्याम, घनश्याम, गोपाल, केशव

कोयल –कोकिला, पिक, श्यामा, वसंत, दूत

कुबेर – यशराज, धनपति, धनंद, किंनरेश

गंगा – भागीरथी, देवनदी, अलकनंदा, सुर, सरिता

गणेश- गणपति, विनायक, लंबोदर, गजानन

घर- गृह, भवन, निकेतन, आलय

घमंड – अभिमान, अहंकार, दंभ, दर्प

चंद्र- चंद्रमा, निशा, कर, हिमांशु, राकेश

चमक-ज्योति, आभा, दीप्ति, विभा

चांदनी – ज्योत्सना, कौमुदी, चंद्रिका, अमृतरंगिणी

जंगल- वन, अभ्यारण, कांतार, कानन

जल– पानी, नीर, पय, अंबु

तलवार- चंद्रहास, करवाल, असी, खड़ग

तालाब – सरोवर, जलाशय, ताल, सर

तारा –नखत, नक्षत्र, तारिका, तारक

तीर-बाण, शर, शिलिमुख, इषु

दुख-व्यथा, वेदना, शोक, कष्ट

दुर्गा-भवानी, काली, चंडी, चंडीका

दुष्ट-खल, अधम, कुटिल, नीच

दुध –गौरस, क्षीर, दुग्ध, पय

दिन –दिवस, वासर, वार, दिवा

देवता- सूर, देव, अमर, निर्जर

नदी-सरिता, तरंगिणी, सलिला, सरित

नाव- नौका, तरणी, तरी, डोंगी

नौकर- दास, सेवक, परिचारक, अनुचर

पक्षी –नभचर, खग, पतंग, विहग

पर्वत –पहाड़, गिरी, शैल, नग

पत्थर – पाषाण, वाहन, उपल, प्रस्तर

पति– स्वामी, नाथ, भर्ता, कांत

पत्नी-भार्या, गृहणी, वधू, दारा

पवन – हवा, वायु, समीर, बयार

पुत्र- बेटा, लड़का, सूत, आत्मज

पृथ्वी-धरा, धरती, वसुधा, भू

प्रेम- प्यार, स्नेह, अनुराग, ममता

पार्वती- भवानी, उमा, दुर्गा, रुद्राणी

पत्ता – पात, दल, पत्र, वर्ण

प्रकाश- चमक, ज्योति, रोशनी, प्रभाव

पुष्प – फूल, सुमन, कुसुम, प्रसून

बालक -लड़का, बच्चा, शिशु, बाल

बंदर – बानर, मर्कट, कपि

बिजली – चंचला, चपला, तड़ित, विद्युत

ब्रह्मा –विधाता, प्रजापति, विधि, चतुरानन

भौंरा – भँवर, मधुप, मधुकर, भ्रमर

महादेव – शंकर, भूतनाथ, त्रिलोचन, त्रिपुरारी

मनुष्य –मानव, आदमी, नर, मनुज

माता – जननी, अंबा, अंबिका, धात्री

मित्र- दोस्त, सहचर, सखा, मीत

मृत्यु – मौत, निधन, देहावसान, शरीरांत

मेघ –बादल, जलधर, नीरद

यमराज – जीवनपति, सूर्यपुत्र, हरि, धर्मराज

युद्ध – लड़ाई, संघर्ष, समर, संग्राम

रात – निशा, विभावरी, यामिनी, रजनी

राजा –सम्राट, नृप, भूप, महिपति

रावण – लंकेश, दशानन, दसकंठ, दसकंध

राक्षस- निशाचर, रजनीचर, तमीचर, दानुज

लक्ष्मी – विष्णुप्रिया, कमला, हरीप्रिया, रामा

वृक्ष –पेड़, द्रुम, विटप, पादप

विष्णु – नारायण, केशव, जनार्दन, लक्ष्मीपति

समुद्र –सागर, जलधि, वारिधि, नीरधि

सरस्वती – महाश्वेता, शारदा, भारती, बागेश्वरी

संसार- विश्व, दुनिया, भव, जगत

सांप – भुजंग, विषधर, व्याल, नाग

सिंह –वनराज, मृगराज, मृगेंद्र, केसर

स्त्री – कामिनी, सुंदरी, महिला, नारी

सेवक- दास, चाकर, नौकर, भृत्य

सूर्य-दिनकर, दिवाकर, आदित्य, प्रभाकर

सोना – कनक, कंचन, स्वर्ण, सुवर्ण

सेना –कटक, फौज, वाहिनी, चमु

सुंदर – मनोहर, ललित, चारु, कमनीय

समूह – टोली, गण, दल, झुंड

स्वर्ग – देवलोक, नागलोक, इंद्रलोक, सूरलोक

शत्रु – वैरी, दुश्मन, रिपु , अरि

शक्ति – बल, ताकत, पराक्रम, विक्रम

शरीर –देह, तन, काया, तनु

शोभा – कांति, छटा, प्रभा, द्युति

हाथ – हस्त , कर, पाणी

हाथी – दंत, करी, हस्ती, नाग

हिरण – मृग, सारंग, हरिणी, कुरंग

 

पर्यायवाची शब्द का वाक्य में प्रयोग

‘अग्नि’ शब्द का वाक्य में प्रयोग

  • हवन की अग्नि सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है।
  • आग लगने से सारा जंगल जलकर राख हो गया।
  • पावक को बुझाने के लिए पानी की आवश्यकता होती है
  • अनल का विकराल रूप स्वप्न में देखा गया।

‘असुर’ शब्द का वाक्य में प्रयोग

  • पृथ्वी पर असुर की शक्ति बढ़ने से देवता अवतार लेते हैं।
  • दैत्यों के अत्याचार से ऋषि-मुनि सदैव त्रस्त रहते हैं।
  • छल-कपट से दानव इतने शक्तिशाली हो जाते हैं कि वह मानव को तुच्छ समझने लगते हैं।
  • निशाचरों की शक्ति रात के समय अधिक होती है
  • राम ने राक्षसों का वध कर ऋषि-मुनियों को भय मुक्त किया था

‘आंख’

  • व्यक्ति को देखने के लिए आंख की आवश्यकता होती है।
  • अपने चक्षु को इतना अभ्यस्त करो कि वह अच्छे-बुरे में फर्क कर सके।
  • नेत्रदान से बढ़कर इस संसार में कुछ नहीं है।
  • श्री राम के नयन चंचल थे।
  • ऋषि-मुनियों का साथ व्यक्ति के अंतरात्मा के लोचन को खोलने का कार्य करते हैं।

‘आभूषण’

  • महिलाओं का सबसे प्रिय आभूषण है।
  • पूरा प्रकृति अलंकारों से सजा हुआ है।
  • शादी-विवाह में गहना अधिक मात्रा में पहना जाता है।
  • जेवर उतना ही खरीदो जितना संभाल सकते हो।

‘उपवन’

  • नगर के बाहर एक सुंदर उपवन है जिसमें खूब सारे फूल लगे हैं।
  • राजकुमारों के अपने उद्यान हुआ करते थे।
  • पुष्प वाटिका में एक सुंदर सुगंध प्रवाहित होती है।
  • हिमालय के बाग में चंदन के खुशबूदार वृक्ष पाए जाते हैं।
  • मंदिर के पीछे एक छोटी सी बगिया है जिस में शिव मंदिर भी है

‘कृष्ण’

  • कृष्ण और राधा का प्यार इस संसार में अमर है
  • वह व्यक्ति श्याम रंग का है
  • गोकुल वासियों को स्वयं गोवर्धन पर्वत उठाकर घनश्याम में बचाया था
  • गोकुल नगरी में मक्खन की छोरी गोपाल और उसके सखा किया करते हैं
  • महाभारत के युद्ध में केशव ने गीता का उपदेश दिया

‘भूमि’

  • कृषि योग्य भूमि दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है
  • बरसात के दिनों में वसुंधरा शस्य-श्यामल हो जाती है
  • कृष्ण के मांगने पर भी दुर्योधन ने भू का एक टुकड़ा नहीं दिया
  • ग्लोबल वार्मिंग से आज पृथ्वी की रक्षा करनी चाहिए।

इस प्रकार आप पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग वाक्य में विभिन्न रूप से कर सकते हैं। यह केवल उदाहरण के तौर पर है ,इन शब्दों का प्रयोग आप किसी सुविधाजनक वाक्यों में भी अपनी स्वयं की इच्छा से कर सकते हैं।

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पर्यायवाची शब्द निष्कर्ष

उपरोक्त अध्ययन से स्पष्ट होता है कि पर्यायवाची शब्द समानार्थी होते हैं,जो समान अर्थ देने वाले होते हैं। उपरोक्त अनेक उदाहरणों और शब्दों के माध्यम से हमने पर्यायवाची शब्दों की पहचान की है।

यह पर्यायवाची अधिकतर परीक्षाओं में पूछे जाते हैं,इसलिए हमने उन सभी पर्यायवाची शब्दों का चयन किया है जो अधिक रूप से प्रतियोगी परीक्षा तथा विद्यालय की परीक्षाओं में पूछे गए हैं।

इसे हमने अधिकतर सरल करने का भी प्रयास किया है।

आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा,आपके ज्ञान की वृद्धि हो सकी होगी ,संबंधित विषय से प्रश्न पूछने के लिए नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें।

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