गाय का महत्व भारतीय संस्कृति में अधिक है, यह देवताओं के समान पूजनीय है। ऐसा माना जाता है गाय में 33 कोटि देवता निवास करते हैं। वैज्ञानिक तथा आध्यात्मिक दृष्टि से गाय का विशेष महत्व है। वर्तमान समय में डॉक्टर ने भी यह सिद्ध किया है गाय के शरीर पर 5-10 मिनट हाथ फेरने से व्यक्ति के शरीर का रक्त प्रवाह संतुलित रहता है। गाय का गोबर तथा मूत्र का भी कृषि के लिए लाभकारी होना गाय के महत्व को बढ़ाता है। प्रस्तुत लेख में गाय पर निबंध पढ़ेंगे जो हमारे विद्यालय पाठ्यक्रम में निबंध के रूप में पढ़ाया जाता है।
गाय पर निबंध (Cow 10 Lines in Hindi)
1 भारतीय संस्कृति में गाय का विशेष महत्व है, गाय को देवता के समान पूजा जाता है।
2 गाय से दूध प्राप्त होता है जो शरीर के लिए लाभकारी है। गाय से प्राप्त होने वाले मल मूत्र भूमि को उपजाऊ बनाते हैं।
3 गाय के गोबर से मिट्टी के आंगन को लिपने से मिट्टी में मौजूद हानिकारक जीवाणु (बैक्टीरिया) नष्ट हो जाते हैं।
4 ऐसा माना जाता है गाय के दान से व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
5 गाय स्तनधारी पशु है, इसे पालतू पशु के रूप में पाला जाता है।
6 यह शाकाहारी प्राणी है जो घास फूस खाती है।
7 आधुनिक विज्ञान यह सिद्ध करता है गाय के शरीर पर हाथ फेरने से व्यक्ति के शरीर का रक्त प्रवाह नियंत्रित रहता है।
8 गाय हिंदू धर्म में कितना महत्व रखता है यह इससे समझा जा सकता है कि पूजा में गोबर से भगवान गणेश की मूर्ति बनाई जाती है।
9 गाय के दूध में पाए जाने वाले तत्व मनुष्य के शरीर के लिए विशेष लाभकारी होता है इसका सेवन करने से शरीर में अनेकों प्रकार के दुर्लभ तत्व की प्राप्ति होती है।
10 गाय दयालु प्रवृत्ति की पशु है जो हिंसक व्यवहार नहीं करती।
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समापन
उपरोक्त लेख से स्पष्ट होता है कि भारतीय संस्कृति में गाय का स्थान देवता के समान है। इसके द्वारा प्राप्त संसाधन मनुष्य के पालन पोषण के लिए कितना अहम है। यह अंदाजा लगाया जा सकता है इसके मल मूत्र भी कृषि को उपजाऊ बनाने के लिए कारगर है। गाय से प्राप्त होने वाला दूध मनुष्य के शरीर को विशेष प्रकार के पोषक तत्व देते हैं। वर्तमान समय में ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण दृश्य भी देखने को मिलता है, लोग मांसाहारी प्रवृत्ति के होते जा रहे हैं। यह अपने स्वार्थ पूर्ति के लिए गाय का वध कर उसे अपने आहार का हिस्सा बनाने लगे हैं। यह वैज्ञानिक दृष्टि से भी गलत है, धार्मिक दृष्टि से तो पहले ही अनुचित कार्य था।
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