इस लेख में आप स्वर संधि के भेद गुण संधि का विस्तृत रूप से अध्ययन करेंगे। यह लेख कठिनाई स्तर को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसका अध्ययन आप विद्यालय, विश्वविद्यालय तथा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कर सकते हैं।
जोड़ने की प्रक्रिया को संधि कहा जाता है। व्याकरण की दृष्टि से भी दो अक्षर मात्रा या शब्द के जुड़ने को संधि कहा जाता है। संधि मुख्य रूप से तीन प्रकार की मानी गई है – स्वर संधि, व्यंजन संधि, विसर्ग संधि।
गुण संधि परिभाषा उदाहरण सहित
‘अ’ या ‘आ’ का मेल होने से ‘इ’ या ‘ई’ का मेल होने से ‘ए’ हो जाता है। ‘अ’ या ‘आ’ से ‘उ’या ‘ऊ’ का मेल होने पर ‘ओ’ हो जाता हे ‘अ’ या ‘आ’ से ‘ऋ’ का मेल होने से ‘अर्’ हो जाता है।
gun sandhi ke udaharan
अ + इ = ए
भारत + इंदु | भरतेंदु |
गज + इंद्र | गजेंद्र |
नर + इंद्र | नरेंद्र |
स्व + इच्छा | स्वेच्छा |
कमल + इंदु | कमलेन्दु |
शुभ + इच्छु | शुभेक्षु |
शुभ + इंदु | शुभेंदु |
अ + ई = ए
कमल + ईश | कमलेश |
राम + ईश्वर | रामेश्वर |
लोक + ईश | लोकेश |
दिन + ईश | दिनेश |
गण + ईश | गणेश |
परम + ईश्वर | परमेश्वर |
नर + ईश | नरेश |
आ + इ = ए
राजा + इंद्र | राजेंद्र |
रमा + इंद्र | रमेंद्र |
महा + इंद्र | महेंद्र |
यथा + इष्ट | यथेष्ट |
जैन + इंद्र | जैनेंद्र |
कन्या + इच्छा | कन्येचा |
आ + ई = ए
महा + ईश्वर | महेश्वर |
महा + ईश | महेश |
लंका + ईश | लंकेश |
रमा + ईश | रमेश |
उमा + ईश | उमेश |
राका + ईश | राकेश |
राज + ईश | राजेश |
अ + उ = ओ
नर + उत्तम | नरोत्तम |
नव + उदय | नवोदय |
सूर्य + उदय | सूर्योदय |
लोक + उक्ति | लोकोक्ति |
चंद्र + उदय | चंद्रोदय |
पर + उपचार | परोपकार |
वन + उत्सव | वनोत्सव |
अ + ऊ = ओ
समुद्र + उर्मी | समुद्रोर्मि |
जल + उर्मी | जलोर्मि |
नव + ऊढ़ा | नवोढ़ा |
सूर्य + ऊर्जा | सुर्योजा |
सागर + उर्मी | सगरोर्मि |
आ + उ = ओ
महा + उदधि | महोदधि |
महा + उत्सव | महोत्सव |
महा + उदय | महोदय |
महा + उपदेश | महोपदेश |
गंगा + उत्सव | गंगोत्सव |
गंगा + उदक | गंगोदक |
महा + उपकार | महोपकार |
आ + ऊ = ओ
गंगा + उर्मी | गंगोर्मि |
महा + ऊष्मा | महोष्मा |
दया + उर्मि | दयोर्मि |
महा + ऊर्जा | माहोर्जा |
अ + ऋ = अर्
सप्त + ऋषि | सप्तर्षी |
राज + ऋषि | राजर्षि |
देव +ऋषि | देवर्षि |
ब्रह्म + ऋषि | ब्रह्मर्षि |
आ + ऋ = अर्
वर्षा + ऋतु | वर्षर्त्तु |
राजा + ऋषि | राजर्षि |
महा + ऋषि | महर्षि |
ब्रह्मा + ऋषि | ब्रह्मर्षि |
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निष्कर्ष –
उपरोक्त अध्ययन से हमने गुण संधि के नियम परिभाषा तथा उदाहरण को विस्तृत रूप से जाना। जिसमें स्वर की मात्रा में परिवर्तन और उसके गुण में परिवर्तन को देखा। गुण संधि स्वर संधि का एक भेद है।
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