वचन की संपूर्ण जानकारी ( परिभाषा, भेद तथा उदाहरण )

यह विषय हिंदी व्याकरण का एक अंग है जिसके अंतर्गत हम संख्या के रूप में अध्ययन करते हैं, आज के लेख में हम वचन की परिभाषा उदाहरण भेद आदि को विस्तार पूर्वक अध्ययन करेंगे।

साधारण अर्थों में लोग भ्रांति के कारण वचन को किसी के द्वारा कहे गए वचन, बोली समझ लेते हैं। जैसे – मैंने उसको वचन दिया।  ब्राह्मण अपने वचन को निभाते हैं।  राजपूत अपने वचन के लिए प्राण भी त्याग देते हैं। जबकि हिंदी व्याकरण में वचन का अर्थ संख्या का बोध कराना होता है।

जैसे –

एकवचन  बहुबचन 
लड़का खेल रहा है लड़के खेल रहे हैं
लड़की गा रही है लड़कियां गा रही है
बिल्ली खा रही है बिल्लियां खा रही है

उपरोक्त पंक्ति का अध्ययन करने से स्पष्ट हो रहा है, कि पहली पंक्ति किसी एक को संबोधित कर रही है, जबकि दूसरी पंक्ति में अनेक होने की सूचना मिल रही है। इस संख्या को ही हम वचन कहते हैं। जो एक से अधिक का बोध करा रहा है। इसे हम एकवचन तथा बहुवचन भी कहते हैं।

वचन की परिभाषा

जहां संज्ञा तथा अन्य अविकारी शब्दों के जिस रुप से एक या उससे अधिक होने का बोध होता है, उसे वचन कहते हैं।

वचन के भेद

हिंदी व्याकरण में वचन के दो भेद माने गए हैं –

  1. एकवचन ( Singular Number ) जिस शब्द या रूप से किसी एक वस्तु प्राणी आदि का बोध होता है, उसे एक वचन कहते हैं जैसे – गंगा, हिमालय, मोहन, राम, दिल्ली आदि।
  2. बहुवचन ( Plural ) जिस शब्द या रूप से एक से अधिक वस्तु या प्राणी आदि का बोध होता हो उसे बहुवचन कहते हैं। जैसे – नदियां, पर्वत, विद्यार्थी, राज्य, देश, वकील आदि

वचन की पहचान मुख्य रूप से दो विधि से की जाती है –

1 संज्ञा तथा सर्वनाम शब्दों के माध्यम से – वाक्यों में संज्ञा तथा सर्वनाम के शब्द एक या अनेक होने का बोध कराते हैं

जैसे

एक वचन के रूप में  बहुवचन के रूप में 
वह मेरा दोस्त है वह मेरे दोस्त हैं
मैं क्रिकेट खेलता हूं हम क्रिकेट खेलते हैं
यह बस दिल्ली जा रही है यह बसें दिल्ली जा रही है
मैं परीक्षा की तैयारी कर रहा हूं हम परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं
वह पढ़ रहा है वह सब पढ़ रहे हैं
मैं खेल रहा हूं हम सब खेल रहे हैं

उपर्युक्त तालिका में हम एकवचन और बहुवचन में स्पष्ट भिन्नता देख सकते हैं। यहां संज्ञा तथा सर्वनाम के शब्दों के द्वारा एक तथा अनेक होने का बोध हो रहा है।

2 क्रिया के माध्यम से

कुछ संज्ञा शब्दों के उपयोग से एकवचन तथा बहुवचन में अंतर स्पष्ट नहीं हो पाता। ऐसे शब्दों की पहचान क्रिया पदों के द्वारा की जाती है निम्नलिखित उदाहरण से देखें –

तालिका 1  तालिका 2
भिखारी भीख मांग रहा है भिखारी भीख मांग रहे हैं
ब्राह्मण पूजा कर रहा है ब्राह्मण पूजा कर रहे हैं
छात्र खेल रहा है छात्र खेल रहे हैं
कुत्ता भौंक रहा है कुत्ते भौंक रहे हैं
हाथी खा रहा हैं हाथी खा रहे हैं

उपर्युक्त तालिका 1 तथा तालिका 2 को ध्यान से देखने पर स्पष्ट होता है कि, तालिका 1 में एकवचन है वही तालिका 2 में बहुवचन को संबोधित किया गया है।

हिंदी में वचन का प्रयोग विभिन्न प्रकार से

  1. हिंदी व्याकरण में बहुवचन शब्द का प्रयोग दो प्रकार से किया जाता है।
  2. दो या दो से अधिक वस्तु, प्राणी स्थान आदि के लिए साधारण बहुवचन का प्रयोग किया जाता है।
  3. आदर के साथ संबोधन में एकवचन के लिए भी बहुवचन का प्रयोग किया जाता है।
  4. सामान्य व्यवहार में हम एक को संबोधित करने के लिए भी बहुवचन शब्द का प्रयोग करते हैं। जैसे तुम शब्द का प्रयोग एक व्यक्ति के लिए करते हैं। तुम शब्द बहुवचन है।
  5. कभी-कभी स्मार्ट बनने के लिए स्वयं एक व्यक्ति के लिए मैं शब्द की जगह हम का प्रयोग करते हैं। जबकि ‘हम’ शब्द बहुवचन है।
  6. कुछ संज्ञा शब्दों का प्रयोग केवल एक वचन के लिए ही किया जाता है।
  7. किसी शब्द के साथ, जाति, सेना या दल शब्द जुड़ जाता है तो वहां एकवचन हो जाता है।
  8. चांदी, सोना, दूध, पानी जैसे शब्दों के लिए एकवचन का ही प्रयोग होता है।
  9. सामान्य प्रचलन में व्यक्तिवाचक तथा भाववाचक संज्ञा का प्रयोग भी एकवचन में किया जाता है।

एकवचन से बहुवचन में बदलने का नियम

1 आकारांत पुल्लिंग शब्दों में अंतिम ‘आ’ को ‘ए’ रूप में परिवर्तित कर दिया जाता है।

एकवचन बहुवचन
चूहा चूहे
लड़का लड़के
घोड़ा घोड़े
गमला गमले
दरवाजा दरवाजे
पंखा पंखे
लोटा लोटे
ताला ताले
काला काले
जूता जूते
शीशा शीशे
गधा गधे

2 अकारांत, आकारांत, इकारांत, ईकारांत, उकारांत, ऊकारांत पुल्लिंग शब्दों के रूप में वचन नहीं बदलते, किंतु विभक्ति के साथ बदलाव हो जाता है।

एकवचन बहुवचन
साधु साधु
साधु के लिए साधुओं के लिए
घर घर
घर में घरों में
हाथी हाथी
हाथी को हाथियों को

3 अकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में ‘एँ’ जोड़ने से बहुवचन बन जाता है।

एकवचन बहुवचन
झील झीलें
बात बातें
आंख आंखें
आंत आँते
दावत दावते
रात रातें
मेज मेजें
तलवार तलवारें
सड़क सड़कें
बहन बहानें
भैंस भैंसे
कमीज कमीजें
दीवार दीवारें
गाय गायें
याद यादें
बात बातें
पुस्तक पुस्तकें
चादर चादरें
जुराब जुराबें
छत छतें

4 आकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में ‘एँ’ जोड़ें तो बहुवचन बन जाता है।

एकवचन बहुवचन
कविता कविताएँ
लेखिका लेखिकाएँ
माता माताएँ
कन्या कन्याएँ
लता लताएँ
अध्यापिका अध्यापिकाएँ
पाठशाला पाठशालाएँ
कथा कथाएँ
कक्षा कक्षाएँ
गाथा गाथाएँ
सेना सेनाएँ
माला मालाएँ
गायिका गायें

5 इकारांत तथा ईकारांत शब्दों के अंत में ‘याँ’ जोड़कर तथा ‘ई’ को ‘इ’ बना कर बहुवचन के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।

एकवचन बहुवचन
स्त्री स्त्रियाँ
नारी नारियाँ
घड़ी घड़ियाँ
नदी नदियाँ
चाबी चाबियाँ
टोपी टोपियाँ

6 स्त्रीलिंग शब्दों के ‘या’ को याँ में परिवर्तन करने से बहुवचन बन जाता है।

एकवचन बहुवचन
कुटिया कुटियाँ
चिड़िया चिड़ियाँ
गुड़िया गुड़ियाँ
बुढ़िया बुढ़ियाँ
लुटिया लुटियाँ
डिबिया डिबियाँ

7 उकारांत, ऊकारांत तथा औकारांत स्त्रीलिंग शब्दों के अंत में ‘एँ’ जोड़कर तथा दीर्घ ‘ऊ’ को ‘उ’ करने से बहुवचन रूप परिवर्तित होता है।

एकवचन बहुवचन
धेनु धेनुएँ
वधू वधूएँ
बहू बहुएँ
वस्तु वस्तुएँ
गौ गौएँ
लू लुएँ

8 गण, वृंद, जन तथा लोग जुड़ कर भी बहुवचन के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।

एकवचन बहुवचन
अध्यापक अध्यापक वृंद
छात्र छात्र गण
आप आप लोग
मजदूर मजदूर वर्ग
विद्यार्थी विद्यार्थी गण
युवा युवा वृंद

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निष्कर्ष

उपरोक्त अध्ययन से स्पष्ट होता है कि वचन का प्रयोग हिंदी व्याकरण में संख्या के संदर्भ में होता है। एक की संख्या को दर्शाने वाले शब्दों को एकवचन तथा एक से अधिक को बहुवचन की श्रेणी में रखा जाता है। उपरोक्त हमने विस्तृत रूप से अध्ययन किया है।

आशा है आपको यह लेख समझ आया हो, आपके ज्ञान की वृद्धि हो सकी हो, अपने प्रश्न तथा सुझाव कमेंट बॉक्स में लिखें।

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