आजाद हिंद फौज की स्थापना कर सुभाष चंद्र बोस ने अपने देश की आजादी के लिए एक सशक्त माध्यम तैयार किया। आजाद हिंद फौज का सहयोग हम भुला नहीं सकते। नेता जी पढ़े-लिखे संभ्रांत परिवार के थे फिर भी उन्हें भारत माता की गुलामी टीस दिया करती थी। उन्होंने प्रण किया था भारत माता की आजादी उनके लिए सर्वोपरि थी। घर परिवार समाज आदि की परवाह न करते हुए उन्होंने आजीवन देश को आजाद कराने का संघर्ष किया। प्रस्तुत लेख में हम उनके कुछ महत्वपूर्ण बिंदु निबंध के रूप में लिख रहे हैं।
सुभाष चंद्र बोस के बारे में 10 लाइन
1 सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ था।
2 उन्होंने देश की आजादी के लिए द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान के सहयोग से आजाद हिंद फौज का गठन किया था।
3 उनका प्रसिद्ध नारा तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा।
4 नेता जी ने अपनी फौज में महिलाओं को भी शामिल किया था।
5 सुभाष चंद्र बोस पढ़े लिखे और संभ्रांत परिवार के सदस्य थे।
6 पिता की इच्छा के अनुसार सुभाष चंद्र बोस आईसीएस बने तत्पश्चात स्वेच्छा से त्यागपत्र दे दिया।
7 उच्च पदों पर नस्लभेद सुभाष चंद्र बोस को स्वीकार नहीं था।
8 सुभाष चंद्र बोस महर्षि दयानंद सरस्वती तथा महर्षि अरविंद घोष से बेहद प्रभावित थे।
9 सुभाष चंद्र बोस जी ने कांग्रेस पार्टी के लिए कार्य किया तथा वह महात्मा गांधी जी के पद चिन्हों पर चलते रहे।
10 स्वाधीनता संग्राम में वह लगभग 11 बार कारावास की सजा भी स्वीकार की।
11 18 अगस्त 1945 को खबरों के अनुसार नेताजी की हवाई दुर्घटना में मृत्यु हो गई कुछ लोग इस दुर्घटना को स्वीकार नहीं करते।
10 Lines on Mahatma Gandhi in Hindi
india 10 lines in hindi अपने देश भारत पर कुछ पंक्तियाँ
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निष्कर्ष
नेताजी सुभाष चंद्र बोस कुशाग्र बुद्धि के थे उन्होंने भारत का सर्वोच्च परीक्षा भी उत्तीर्ण किया था किंतु वह भारत माता की आजादी के लिए कार्य कर रहे थे उन्होंने तत्कालीन पार्टी कॉन्ग्रेस के साथ जुड़ कर भी कार्य किया किंतु महात्मा गांधी जी के विचारों से सहमति ना रखते हुए उन्होंने उस विचार से आगे बढ़कर कार्य करना स्वीकार किया। उन्होंने रूस जर्मनी जापान आदि अन्य देशों की सहायता लेते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करते रहे। जापान की मदद से द्वितीय विश्वयुद्ध में उन्होंने आजाद हिंद फौज का गठन किया। इस फौज में नेता जी ने महिलाओं को भी अपना योगदान सुनिश्चित करने के लिए शामिल किया। महिला सिपाहियों ने भी पूरे सामर्थ्य और शक्ति के साथ भारत देश की आजादी के लिए संघर्ष किया हम नेताजी के योगदान को कभी भुला नहीं सकते। उनकी मृत्यु कब किन परिस्थितियों में हुई इस विषय पर विद्वानों में मतभेद है कुछ विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु मानते हैं तो कुछ इस दुर्घटना को लापता होने का एक माध्यम स्वीकार करते हैं।
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