नाटक और कहानी में क्या भिन्नता है? यह पहचान बेहद सरल तरीके से किया जा सकता है। लोगों को यह भ्रांति होती है कि नाटक और कहानी एक है, जबकि साहित्य की दृष्टि से दोनों में बहुत बड़ा अंतर है। प्रस्तुत लेख में आप नाटक और कहानी में विभिन्न प्रकार के अंतर का अध्ययन करेंगे। इस लेख के माध्यम से आपका नाटक तथा कहानी के बीच भिन्नता की जानकारी व्यापक रूप से हो सकेगी।
कहानी और नाटक में अंतर
नाटक | कहानी |
गद्य की विधा है | गद्य की विधा है |
कई बैठक में इसकी समाप्ति होती है | कहानी छोटे होते हैं एक बैठक में समाप्त होता है |
नाटक के लिए रंगमंच की आवश्यकता होती है | रंगमंच की आवश्यकता नहीं होती |
अधिक पात्र होते हैं | पात्रों की संख्या सीमित होती है |
नाटक किसी विशेष उद्देश्य को ध्यान में रखकर लिखा जाता है | कहानी किसी खास उद्देश्य के लिए हो आवश्यक नहीं |
नाटक प्राचीन विधा है | आधुनिक युग की देन है |
समय की पाबंदी नहीं होती | सीमित समय में समाप्त होना चाहिए |
नाटक को दृश्य काव्य कहा गया है इसे रंगमंच पर दिखाया जाता है | कहानी को रंगमंच पर दिखाने की आवश्यकता नहीं होती |
कथावस्तु ऐतिहासिक पौराणिक या विशेष उद्देश्य के लिए होना चाहिए | कथावस्तु के लिए विशेष योजना की आवश्यकता नहीं होती |
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निष्कर्ष
नाटक प्राचीन विधा है जबकि कहानी आधुनिक। नाटक के लिए रंगमंच की आवश्यकता होती है वही कहानी के लिए ऐसे कोई रंगमंच की आवश्यकता नहीं होती। बल्कि इसे एक ही बैठक में समाप्त किया जा सकता है वही नाटक कई दिनों और महीनों का हो सकता है। नाटक में पात्रों की भरमार होती है प्रस्तुत लेख के माध्यम से आपने नाटक तथा कहानी के बीच अंतर को समझ लिया होगा। आशा है उपरोक्त लेख आपके परीक्षा तथा आपके ज्ञान की वृद्धि में कारगर होगी। अपने सुझाव तथा विचार कमेंट बॉक्स में लिखें ताकि हम लेख को विद्यार्थियों के लिए और अधिक सुगम बना सकें।